सर्वत्र महिला टॉयलेट बने, प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त हो, उद्यानों के अधूरे कार्य अविलम्ब पूरे करें : आशा शर्मा














 #अच्छे ढंग से नगर निगम के कार्यों को बढ़ाया जाएगा: दिनेश चंद, नगर आयुक्त

# निगम कार्यकारिणी की बैठक में गूंजा अधिकारियों-कर्मचारियों के कतिपय भ्रष्टाचार का मामला

# निगम कार्यकारिणी के सदस्यों ने टैक्स निर्धारण और वसुली की प्रक्रिया पर उठाए कुछ अहम सवाल

गाजियाबाद। महापौर आशा शर्मा ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया है कि निगम क्षेत्र में हरेक जगह महिला टॉयलेट शीघ्र ही बनवाया जाए। साथ ही, पार्कों में सोडियम लाइट्स भी अविलम्ब ठीक करवाए जाएं। इसके अलावा, जिन उद्यानों में कार्य अधूरा रह गया है, उसे भी तत्काल प्रभाव से जल्द करवाया जाए।श्री मती शर्मा नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। 

 

उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि होली से पहले निगम क्षेत्र का अंधियारा हर हाल में दूर होना चाहिए, क्योंकि हमारे पार्षद बन्धुओं के पास लोगों की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। चुनाव सिर पर है और आचार संहिता लागू होने वाला है, इसलिए किसी भी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। इस मौके पर नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने कहा कि कार्यकारिणी और सदन के निर्देशन पर सतत दृष्टि रखी जायेगी और अच्छे ढंग से नगर निगम के कार्यों को बढ़ाया जाएगा। 

 

इससे पूर्व नगर निगम की कार्यकारिणी ने वितीय वर्ष 2018-19 के पुनरीक्षित बजट पर विस्तार पूर्वक चर्चा हुई और फिर इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। निगम लेखाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि आय का प्रस्तावित बजट 680 करोड़ 25 लाख 50 हजार रुपये होगा। जबकि इसके उलट 861 करोड़ 98 लाख रुपये व्यय का बजट पेश किया गया।

 

इस निगम कार्यकारिणी की बैठक की खास बात यह रही कि इसमें चर्चा तो बजट पर करनी थी, लेकिन हाल ही में  चुनकर आए कार्यकारिणी के नए सदस्यों ने भ्रष्टाचार का मुद्दा गम्भीरतापूर्वक जोर शोर से उठा दिया। जिसके बाद लगभग सभी सदस्यों ने एक स्वर में आरोप लगाया कि नगर निगम प्रशासन अपने उन कर्मचारियों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है, जो मनमुताबिक लोगों को नोटिस देकर पैसे वसूल रहे हैं। लिहाजा, कार्यकारिणी के सदस्यों का कहना था कि नियमानुसार निगम टैक्स के स्रोत पर सारा ध्यान केंद्रित करेगा तो उससे अच्छी-खासी आमदनी हो सकती है। 

 

गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह 11 बजे निगम मुख्यालय सभागार में कार्यकारिणी की बैठक विधिवत शुरू हुई, जिसमें 2018-19 के पुनरीक्षित बजट पर चर्चा होनी थी लेकिन प्रारंभ में ही नवनिर्वाचित सदस्यों ने सदन में प्रस्तुत किए गए बजट पर भारी विरोध जताया। खासकर कांग्रेस पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्य मनोज चौधरी ने दो टूक कहा कि अगर हम इस बजट में सीमित आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं, तो फिर इसकी चर्चा करने की क्या जरूरत है? इस दौरान उनका साथ देते हुए पार्टी के दूसरे सदस्य राजीव शर्मा ने भी नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए और उसमें मूलभूत बदलाव की अपेक्षा जताई। 

 

आज की बैठक में महापौर ने मेयर हाउस बनाने का प्रस्ताव रखा और आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों से टैक्स वसूली करवाने पर गहरी आपत्ति जताई और इस कार्य में स्थायी कर्मचारी लगाने की अपेक्षा जताई। जबकि पार्षद अनिल स्वामी ने टैक्स वसूली में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। सदस्य मनोज गोयल ने कौशाम्बी के मुद्दे को उठाते हुए आदिकरियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया। निगम उपाध्यक्ष सुनील यादव, तीनों अपर नगर आयुक्त क्रमशः प्रमोद कुमार, राजनारायण पांडे और शिवपूजन यादव, मुख्य अभियंता मुइनुद्दीन, अधिशासी अभियंता सूरजपाल वार्ष्णेय, अधिशासी अभियंता जल आनंद त्रिपाठी, सहायक अभियंता योगेंद्र सिंह, एमएनएलपी अरुण सिंह के अलावा कार्यकारिणी सदस्य अनिल स्वामी, मनोज गोयल, विनोद कुमार, प्रवीण बसोया, विनोद शर्मा, मिथिलेश शर्मा और गजेन्द्री यादव उपस्थित रहीं और अपने अपने विचार रखे।