श्रमिकों के कल्याण के लिए उपकर संग्रहण में न बरतें कोताही: जैन

जयपुर। श्रम एवं रोजगार शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि श्रमिक, मजदूर वर्ग के कल्याण के लिए विभिन्न विभाग, नगरीय निकाय और निजी बिल्डर संवेदनशीलता रखते हुए श्रमिक कल्याण उपकर जमा करवाएं। जैन ने बीकानेर के कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ श्रमिक कल्याण उपकर संग्रहण के सम्बंध में बैठक लेते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रमिक वर्ग के कल्याण के लिए अधिनियम बना कर यह उपकर लागू किया। इस सेस को जमा करवाने की जिम्मेदारी सभी सम्बंधित एंजेसियों की है। उन्होंने
कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा करवाए जा रहे निर्माण कार्यों के तहत तो सेस नियमानुसार जमा करवाया जा रहा है लेकिन नगरीय निकाय, जिला परिषद, निजी बिल्डरों द्वारा इस सम्बंध में कोताही सामने आ रही है। जैन ने बताया कि निर्माण कार्य समाप्त होने के एक माह के भीतर श्रमिक कल्याण सेस जमा करवाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि लोग समय पर सेस नहीं जमा करवा रहे हैं इसका कारण लोगों में जागरूकता की कमी है और सम्बंधित एंजेसियां इस सम्बंध में ढील दे रही है। इससे श्रमिकों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिल्डरों, निर्माण ठेकेदारों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी आदि के साथ संवाद कर उन्हें नियमों की जानकारी दें। शासन सचिव ने बताया कि इस उपकर के जरिए मजदूरों के हक के लिए पैसा संग्रहित किया जाता है।प्रदेशभर में सिलिकोसिस से 15 हजार से अधिक मजदूर पीडित है। श्रमिक कल्याण योजना के तहत ऐसे पीडितों और उनके आश्रितों को 5 लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार श्रमिकों की निर्माण कार्य पर मृत्यु,अपंग होने पर भी 5 लाख रुपए तक सहायता, प्रसूति, शादी सहायता आदि के रुप में 20 हजार रुपए सहायता जैसी योजनाएं इस सेस राशि के संग्रहण से चलाई जा रही है। श्रमिकों की सहायता के लिए सभी सम्बंधित एंजेसियों को अतिरिक्त संवेदनशीलता के साथ काम करते हुए सेस एकत्र करने की आवश्यकता है। जैन ने कहा कि श्रमिक कल्याण सेस के संग्रहण के सम्बंध में नगर निगम, नगर विकास न्यास, नगरपालिकाएं जिम्मेदार भूमिका निभाते हुए काम करें। निजी क्षेत्र में हो रहे बडे भवन निर्माण कार्यों की अनुमति देते समय ही यह सुनिश्चित किया जाए कि सेस जमा हो जाए।