गाजियाबाद। नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह ने निगम क्षेत्र अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नीति 2016 और उत्तरप्रदेश प्लास्टिक एवं अन्य जीव अनाश्रित कूड़ा कचरा अधिनियम 2018 को लेकर सख्ती बरतने का संकेत दिया है। इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बहरहाल वो इन दोनों अधिनियमों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सम्मानित नागरिक अथवा संस्थाएं उनके आग्रह को हल्के में लेंगे तो निगमकर्मी निर्दिष्ट नियमों की अवहेलना करने वालों पर सख्ती पूर्वक कार्रवाई भी करेंगे और दंड स्वरूप जुर्माना भी वसूलेंगे। क्योंकि गाजियाबाद को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता है। इस दिशा में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि प्लास्टिक अथवा उससे बने कप-प्लेट व पॉलिथीन बैग आदि न केवल पर्यावरण बल्कि जनस्वास्थ्य के नजरिये से भी हानिकारक होते हैं। प्रतिबंधित पॉलीथिन सिर्फ पर्यावरण और जनस्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि स्वच्छता में भी बाधक है, क्योंकि इससे सीवर चॉक होने और नाली जाम होने से निगमकर्मियों की भी समस्या बढ़ जाती है, क्योंकि सफाई व्यवस्था बहाल रखने के लिए उन्हें नाको चने चबाने पड़ते हैं। इस दिशा में जब भी थोड़ी ढिलाई होती है तो प्रदूषण सम्बन्धी बीमारी भी भयंकर रूप अख्तियार कर लेती हैं।
नगर आयुक्त ने अपने इस निरीक्षण के अगले चरण में सूखा कचरा, गीला कचरा और हानिकारक कचरा को अलग अलग करने व इसके निस्तारण के मद्देनजर वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों, होटलों, रेस्टोरेंट्स और आवासीय सोसायटी के लोगों को भी आगाह किया कि उन्हें भेजी गई नोटिस का वो अविलम्ब जवाब दें, अन्यथा निगमकर्मी कार्रवाई भी कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने कूड़े कचरों को उनके गंतव्य स्थान तक ले जाने वाली गाड़ियों व डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाले वाहनों का भी जायजा लिया। उन्होंने इस बाबत समय समय पर निकलने वाले पूर्व के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर मुख्य गैराज नेहरू नगर स्टोर का फिर से निरीक्षण किया और वाहनों की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। साथ ही अभिलेख भी चेक किए और कतिपय महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।
नगर आयुक्त के इस अभियान के मौके पर अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, शिवपूजन यादव, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी बीपी शर्मा, ऑफिस जोनल सेनेटरी ऑफिसर दिनेश अग्रवाल भी मौजूद थे।