उत्तरी निगम करोड़ों की राशि वसूलने में नाकाम- मुकेश गोयल







नई दिल्ली।जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रही उत्तरी दिल्ली नगर निगम को इस संकट से उबारने के सत्तारुढ़ नेता गंभीर नहीं है इस बात का पता इसी से लगता है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर किराया, बिजली, पानी, सुविधा प्रंबधन व डीटीएच सेवा का 1405.90 करोड़ रूपये बकाया है।उत्तरी निगम उक्त राशि को वसूलने के प्रति कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही और न ही निगम नेताओं की ऐसी कोई मंशा दिखाई दे रही है।अगर यह राशि प्राप्त कर ली जाती है तो निगम का आर्थिक संकट दूर हो सकता है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता एवं वरिष्ठ पार्षद श्री मुकेश गोयल द्वारा पूछे गए एक अल्पकालिक प्रश्न के उत्तर में आज मंगलवार को स्थाई समिति की बैठक मे सूचित किया गया कि गत एक मई 2012 से लेकर 31 जनवरी 2019 तक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर बिजली बिल के रूप में 3.87 करोड़ रुपए, सुविधा प्रबंधन के रूप में 3.64 करोड़ रुपए, पानी बिल का 6 लाख रुपए,डीटीएच सेवा का 2 लाख रुपए व किराए के रूप में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 1405.90 करोड़ रुपए बकाया हैं।

श्री गोयल ने कहा कि एक तरफ जहां निगम के नेता दिल्ली के विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र से मिलने वाली राशि को दिल्ली सरकार द्वारा रोके जाने और निगम को पंगु बनाने का रोना रो आये दिन केजरीवाल सरकार को पानी पी-पीकर कोसते रहते है और सरकार से राशि वसूलने के लिए उपराज्यपाल तक से मुलाकात कर गुहार लगा चुके है लेकिन अफसोस की बात है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम प्रशासन और उसके नेताओं ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम से अपनी बकाया राशि जो 1405 करोड़ .90 लाख रुपए है वसूलने के लिए अभी तक कोई ठोस प्रयास नहीं किए।श्री गोयल के मुताबिक निगम यदि यह राशि प्राप्त कर ले तो काफी हद तक उसका आर्थिक संकट दूर हो जायेगा।

श्री मुकेश गोयल ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में भाजपा ही काबिज है उससें यह राशि वसूलने में उत्तरी निगम को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडेगी वैसे भी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास पैसे की कोई कमी नहीं है।उन्होंने कहा कि नेताओं का उक्त राशि वसूलने के लिए अब तक कोई ठोस प्रयास नहीं करना निगम नेताओं की कार्यशैली पर संदेह जताता है।

श्री गोयल ने कहा कि उनकी ओर से महापौर, आयुक्त से कई बार प्रश्न कर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम पर बकाया करोड़ों रुपए की राशि की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया लेकिन हर बार जानकारी नहीं दी गई।स्थाई समिति की बैठक में अल्पकालिक चर्चा के लिए इस बाबत प्रश्न लगा जानकारी मांगी तब आयुक्त ने मजबूरन यह जानकारी मुहैया कराई।उन्होंने कहा कि निगम नेताओं को दूसरों पर लांछन लगाने से पहले उन्हें अपनी गिरेबां में भी झांकना चाहिए।