नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह के प्रयासों से जागरूक हो रहे गाजियाबाद के लोग







# जे एम पार्क सफायर सोसाइटी, रामप्रस्थ ग्रीन के पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगा नगर निगम, ताकि अन्य सोसाइटी के पदाधिकारियों को भी मिले प्रेरणा

 

# नगर आयुक्त के सकारात्मक पहलों को धीरे धीरे अंगीकार कर रहे हैं वैसे लोग, जिनसे बड़ी उम्मीद पाले बैठा है निगम प्रशासन और चरणबद्ध रूप से कर रहा जागरूक

 

 

 

बता दें कि पूर्व नगर आयुक्त चंद्र प्रकाश सिंह ने नगर निगम को पटरी पर लाने की ईमानदार कोशिश की थी, लेकिन मृदु स्वभाव के चलते अपने उद्देश्य में पूरी तरह से सफल नहीं रहे। इसके उलट, मौजूदा नगर आयुक्त दिनेश चंद्र सिंह ने 'गलत कार्यों' के प्रोत्साहन पर 'आदमकद' लोगों को भी दंडित करने का जो प्रशासनिक कौशल दिखाया है और जंग पड़े सिस्टम को लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए व्यवहारिक कौशल का जो पाठ पढ़ाया है, वैसा अक्सर नहीं दिखता। 

 

गौरतलब है कि प्रतिदिन की भॉति मंगलवार को भी प्रातः 8.15 बजे से नगर आयुक्त दिनेश चन्द्र अपनी टीम के अधिकारियों यथा अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव, जोनल प्रभारी वसुंधरा सुनील कुमार राय एवं क्षेत्रीय सफाई निरीक्षक योगेन्द्र कुमार के साथ वसुन्धरा जोन के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया। लेकिन इस दौरान उन्होंने देखा कि साफ-सफाई का कार्य चल रहा था तथा मालियों द्वारा भी ग्रीन बैल्टों, डिवाईडरों, पार्कों की सफाई का कार्य जोरशोर से किया जा रहा था। यह वरिष्ठ संवाददाता भी जब आवास विकास परिसदन, वसुंधरा और सब्जी मंडी चौक से गुजरा तो सोए हुए नगर निगम के जागृत होने का आभाष मिला। ऐसा इसलिए कि पी डब्ल्यू डी गेस्ट हाउस गाजियाबाद के बाद आवास विकास परिसदन, वसुंधरा में ही लखनऊ से आने वाले मंत्रियों व प्रशासनिक अधिकारियों का रुकना होता है। इसलिए यहां के ग्रीन बेल्ट की सुन्दरता और हरियाली जो कुछ दिन में दिखाई देगी, का संदेश दूर तक जाएगा।

 

गौरतलब है कि नगर आयुक्त दिनेश चन्द्र के गाजियाबाद में तैनाती के बाद से शहर की सबसे बड़ी समस्या सॉलिड वेस्ट के निस्तरण एवं प्रतिबन्धित पॉलिथीन के प्रयोग को बन्द करने हेतु निरन्तर जन-सामान्य को कार्यशालाओं एवं समाचार-पत्रों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है, जिसका प्रभाव अब शहर में दिखने लगा है। नगर आयुक्त के इस निरन्तर व अथक प्रयासों के बाद से शहर के आरडब्ल्यूए, सोसाईटीज, प्रतिष्ठानों द्वारा अपने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन का निस्तारण अपने संसाधनों द्वारा कम्पोस्ट बनाने का कार्य भी आरम्भ कर दिया गया है, तथा प्रतिबन्धित प्लास्टिक, पालिथीन, कैरी बेग, गिलास, चम्मच, कप-प्लेट आदि के प्रयोग पर अंकुश लगा है।  

  

मंगलवार को वसुन्धरा जोन के फिर से निरीक्षण के समय रामप्रस्थ ग्रीन स्थित जे एम पार्क सफायर सोसाइटी के पदाधिकारियों श्रीमती एश्वर्या गुप्ता, शैली अग्रवाल एवं डा. प्रीति सारस्वत व अन्य के द्वारा नगर आयुक्त को अवगत कराया गया कि उनके द्वारा अपनी सोसाईटी से निकलने वाले 100 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन- गीले कूड़े व सूखे कूड़े को पृथक-पृथक कर अपने ही संसाधनों द्वारा कम्पोस्ट तैयार कर उसका प्रयोग सोसाईटी के पार्कों में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि पिछले 2-3 वर्षों से वें सोसाईटी के लोगों को जागरूक करने में लगी हुई थी, परन्तु ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन संगठित करने के कार्य में उनको गत फरवरी माह में पूर्ण सफलता प्राप्त हुई तथा अब संयुक्त रूप से उनके द्वारा कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न कराया जा रहा है। 

 

यही वजह है कि श्रीमती एश्वर्या गुप्ता, शैली अग्रवाल एवं डा. प्रीति सारस्वत व अन्य पदाधिकारियों, नागरिकों द्वारा इस उत्कृष्ट एवं अनुकरणीय कार्य की नगर आयुक्त द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए सोसाईटी के पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की घोषण की गयी।  साथ ही, अन्य आरडब्ल्यूए, सोसाईटीज, प्रतिष्ठानों द्वारा भी इस तरह के उदाहरणीय कार्य करने की अपील की गयी ताकि जनसहभागिता से शहर को पूर्ण रूप से 

कूड़ा मुक्त किया जा सके। इसके अतिरिक्त सोसाईटी के पदाधिकारियों द्वारा नगर आयुक्त को यह भी आश्वासन दिया गया कि अन्य सोसाईटीज में भी सॉलिड वेस्ट से कम्पोस्ट बनाने में अपना पूरा सहयोग दिया जायेगा।  

 

इसके अतिरिक्त, नगर आयुक्त द्वारा जे एम पार्क सफायर  सोसाईटी के पदाधिकारियों को सुझाव दिया गया कि वे नगर निगम के सहयोग हेतु अपने सोसाईटी के आस-पास के अन्य आरडब्ल्यूए व सोसाईटीज के नागरिकों को इस कार्य को करने हेतु जागरूक करें तथा तिथि निर्धारित कर नगर निगम के तत्वाधान में एक कार्यशाला का भी आयोजन करायें ताकि अन्य नागरिकों को भी नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियमावली-2016 एवं उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूडा-कचरा उपयोग और निस्तारण का विनियमन, संशोधन अध्यादेश, 2018 के अन्तर्गत प्रतिबन्धित पालिथीन का प्रयोग न करने और न करने देने के सम्बन्ध में जागरूक किया जा सके। 

 

इसके अतिरिक्त, नगर आयुक्त द्वारा सभी अधिकारियों, अभियन्ताओं, निरीक्षकों को दूरभाष पर निर्देशित भी किया कि वे अपने-अपने आवंटित क्षेत्रों में प्रातःकाल जाकर जनसामान्य से समन्वय स्थापित करें तथा नगर निगम से सम्बन्धित अन्य समस्याओं का त्वरित निस्तारण कराएं।