पप्पू कॉलोनी के सरकारी स्कूलों से छात्रों की फीस ले उड़े चोर

# खेलने का सामान पर भी किया हाथ साफ












गाजियाबाद। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते अक्सर चर्चा में रहने वाला पप्पू कॉलोनी का पूर्व माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय इन दिनों असामाजिक तत्वों के निशाने पर है। खबर है कि बुद्धवार की सुबह स्कूल खुलने पर पता चला कि अज्ञात चोरों ने दोनों स्कूलों के बच्चों की फीस के रूपए और बच्चों के खेलने का सामान भी चोरी कर लिया है। इस घटना के बाद एक बार फिर स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था पर उंगली उठ रही है। 

 

बुद्धवार की सुबह स्कूल प्रिंसिपल संजय गुप्ता व शिववती पांडेय ने बताया कि अज्ञात चोरों ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के खेलने का सामान और कैश की चोरी कर लिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्राथमिक विद्यालय के 450 रुपये और पूर्व माध्यमिक विद्यालय से 250 रुपये चोरी हुए हैं। लिहाजा, स्कूल के स्टाफ में इस बात को लेकर खासी नाराजगी दिखी कि इन दोनों स्कूल में अक्सर चोरी होती रहती हैं। हैरत की बात तो यह है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती। 

 

स्थानीय लोगों के मुताबिक, स्कूल बंद होने के बाद स्कूल परिसर में असमाजिक तत्व आ जाते हैं और स्कूल में तोड़-फोड़ करते हैं। स्कूल में जुआरियों का अक्सर जमावड़ा हो जाता है। इसके अलावा, मौका मिलते ही असमाजिक तत्व चोरी की घटना को अंजाम दे देते हैं और स्कूल की पेंटिंग को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इन परिस्थितियों के चलते दोनों स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था रामभरोसे हैं। खबर है कि विद्यालय प्रशासन ने एक बार फिर इस वारदात के सम्बन्ध में पुलिस को सूचित कर दिया है। अब वह क्या कार्रवाई करेगी, यह देखने वाली बात होगी।

 

गौरतलब है कि उक्त दोनों विद्यालय एक ही परिसर में संचालित होते हैं। शिक्षा विभाग के अफसर शायद ही यहां कभी हालात जानने के लिए आते हों। इसके अलावा स्कूल परिसर में नियमित रूप से सफाई भी नहीं होती। जनप्रतिनिधि भी इन स्कूलों के प्रति सौतेला रुख अपनाए रहते हैं। पिछले कुछ माह से कालोनी के ही कुछ लोगों ने स्कूल में प्रत्येक रविवार को स्वैच्छिक श्रमदान कर सफाई करने का बीड़ा उठाया हुआ है। बहरहाल, एक बार फिर से पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय में चोरी की घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है। वहीं, अभिभावकों में अपने बच्चों को लेकर भी चिंता होने लगी है।