पौधों को सींचने की तरह अच्छे विचारों का प्रसार होना आवश्यक: नायडू








# उपराष्ट्रपति ने चेताया, यदि ऐसा नहीं करेंगे तो दोनों कुम्हला जाएंगे और तोड़ देंगे दम

# उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दिया पहला डॉ. राजाराम जयपुरिया मेमोरियल लेक्चर

# जयपुरिया ग्रुप के उपाध्यक्ष साकेत जयपुरिया ने समूह के संस्थापक डॉ राजाराम जयपुरिया की सोच से अवगत कराया  

# गहरी दूरदृष्टि रखने वाले महान उद्यमी थे डॉ राजाराम जयपुरिया: शिशिर जयपुरिया, अध्यक्ष, जयपुरिया ग्रुप

 

नई दिल्ली। "पौधों को सींचने की तरह अच्छे विचारों का प्रसार होना आवश्यक है, अन्यथा दोनों कुम्लहा जाएंगे और दम तोड़ देंगे।" यह विचार है उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का, जो मंगलवार को डॉ बी आर अम्बेडकर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में जयपुरिया ग्रुप द्वारा आयोजित प्रथम डॉ राजाराम जयपुरिया मेमोरियल लेक्चर को सम्बोधित करते हुए उन्होंने दिया।

 

उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि डॉ. राजाराम आजीवन जिन आदर्शों और मूल्यों को पल्लवित-पुष्पित करते रहे, आज हम उनके एक ऐसे ही अहम विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं जिसका ध्येय 'उच्च कोटि की शिक्षा के माध्यम से नई पीढ़ी का सशक्तिकरण' करना है। 

 

इससे पहले स्वागत संबोधन में जयपुरिया शिक्षा संस्थान समूह के उपाध्यक्ष साकेत जयपुरिया ने अपने समूह के शैक्षिक प्रयासों की उत्पत्ति के बारे में बताया और शिक्षा का प्रकाश फैलाने में डॉ. राजाराम जयपुरिया के अमूल्य योगदानों का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी बताया कि वे कैसे आजीवन परिवार की इस परंपरा को बढ़ाने में संलग्न रहे। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पहला डॉ. राजाराम जयपुरिया मेमोरियल लेक्चर देकर जयपुरिया ग्रुप- समस्त जयपुरिया परिवार, कारोबार और संस्थानों का मान बढ़ाया है। 


 

लेक्चर का थीम, 'शिक्षा, उद्यमशीलता, नैतिकता' को चुनने के बारे में जयपुरिया संस्थान समूह के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने बताया कि डॉ. राजाराम जयपुरिया को इन विषयों में गहरी अभिरुचि थी। उन्होंने बताया कि यह मेमोरियल लेक्चर डॉ. राजाराम जयपुरिया के जीवन के अनुभवों और उनकी सीखों से प्रेरित है। डॉ. राजाराम गहरी दूरदृष्टि रखने के साथ महान उद्यमी थी जिन्होंने हमेशा नैतिक मूल्यों पर काम करते हुए बड़े उद्योगों के साथ-साथ उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों का भी सृजन किया। इस लेक्चर का विषय खास तौर पर डॉ. राजाराम के जीवन दर्शन, समकालीन शिक्षा के स्वरूप और मजबूत नैतिक आधार की महत्ता पर केंद्रित था। उन्होंने उपराष्ट्रपति और डॉ. राजाराम जयपुरिया दोनों के जीवन दर्शन में समानता की बात की और कहा कि मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति डॉ. वेंकैया नायडू ने अपनी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा बढ़ा दी।  

 

जयपुरिया स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक डॉ. एस के महापात्र ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और इस अवसर पर उपस्थिति दर्ज कर और लोगों को संबोधित कर समारोह की गरिमा बढ़ाने के लिए उपराष्ट्रपति के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।  


 

इस कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय चतुर्धाम वेदन्यास संस्थान, प्रयागराज के विद्यार्थियों के सस्वर वेद पाठ के साथ हुआ। इस अवसर पर व्यवसाय और शिक्षा जगत के गणमान्य लोगों के साथ विभिन्न कार्य क्षेत्रों के लोग और जयपुरिया के संरक्षण में सेवारत विभिन्न संस्थानों के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।