उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 आरडब्ल्यूए को अब सम्मानित करेंगे नगर आयुक्त







# नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने स्वच्छता के मद्देनजर  आरडब्ल्यूए में आपसी प्रतिस्पर्धा पैदा करने के उद्देश्य से घोषित की अपनी प्रतियोगिता योजना

 

गाजियाबाद। महानगर गाजियाबाद क्षेत्र में कूड़े की समस्या से निपटने के लिये नगर आयुक्त दिनेश चन्द्र ने अब पूरी तरह से अपनी कमर कस ली है। इसके लिये उन्होंने अपने साथ नगर के सभी आरडब्ल्यूए, व्यापार मण्डल व अन्य प्रतिष्ठानों आदि के साथ सीधे-सीधे संवाद स्थापित कर कूड़े की समस्या से लड़ने की एक कार्ययोजना भी तैयार की है। इसी क्रम में नगर आयुक्त द्वारा विभिन्न आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों के साथ कार्यशालाएं भी बीती अवधि में सिलसिलेवार रूप से आयोजित की गयी, जिसमें उन्हें ठोस अपशिष्ट को पृथक्कीकृत करने के लाभ व नये-नये तरीकों के बारे में अवगत कराया गया। 

 

इस सम्बन्ध में अद्यतन जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कार्यशालाओं में उपस्थित सभी पदाधिकारियों यथा, बल्क वेस्ट जनरेटर्स को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट-2016 अधिनियम की सुसंगत धाराओं के बारे में व्यवहारिक रूप से अवगत कराया गया। साथ ही, जानाकारी दी गयी कि सॉलिड वेस्ट तीन प्रकार का होता है, जिसमें गीला कूड़ा, सूखा कूड़ा (रिसाइकलेबिल) व हानिकारक कूड़ा प्रमुख होता है। उन्होंने आगे बताया कि 

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियमावली 2016 के अन्तर्गत समस्त ऐसे बल्क वेस्ट जनरेटर यथा- केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार के विभाग अथवा उपक्रमों, स्थानीय निकायों, सार्वजनिक या प्राइवेट सेक्टर की कम्पनियों, अस्पतालों, नर्सिग होम, स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, शैक्षिक संस्थाओं, छात्रावासों, होटलों, बाजारों, पूजा स्थलों, स्टेडियमों और खेल परिसरों द्वारा अधिकृत भवन आदि, जिनके द्वारा प्रतिदिन 100 कि.ग्रा. से अधिक कूड़ा उत्सर्जित किया जा रहा है, को ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियमावली 2016 के प्रावधानों का अनिवार्य रूप से अनुपालन करना होगा। ऐसा किए जाने के सम्बन्ध में उनके दायित्वों के बारे में तय किया गया है कि सूखा व गीला कूड़ा एवं परिसंकटमय कूड़े को अलग-अलग कूड़ेदान में ही एकत्रित किया जाये। साथ ही,गीले कूड़े से अपने ही प्रांगण अथवा परिक्षेत्र में कम्पोस्ट व बायो-गैस बनायें। उसके बाद सूखे कूड़े को नगर निगम अथवा नगर निगम द्वारा प्राधिकृत संस्था को ही दिया जाये। इसके अलावा परिसंकटमय कूड़ा, सेनेट्ररी पैड अथवा डाईपर्स, निर्माण और विध्वंस सामग्री केवल प्राधिकृत कूड़ा एकत्र करने वाली संस्था को ही दिया जाये। 

 

बता दें कि नगर आयुक्त द्वारा निरन्तर आयोजित की जा रही कार्यशालाओं से नगर के बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों, आरडब्ल्यूए, सोसायटी एवं व्यापार मण्डलों पर असर दिखने लगा है, जिसके परिणाम स्वरूप अब अधिकांश प्रतिष्ठानों, आरडब्ल्यूए, सोसायटी द्वारा अपने ठोस अपशिष्ट का निस्तारण अपने ही स्रोतों से अपने परिसर में किया जाना आरम्भ कर दिया है। उदाहरण स्वरूप, नगर आयुक्त द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान पाया गया कि वसुन्धरा जोन अन्तर्गत रामप्रस्थ ग्रीन स्थित जे एम पार्क सफायर सोसाईटी द्वारा अपनी सोसाईटी से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट का अपने ही संसाधनों द्वारा 100 प्रतिशत कम्पोस्ट तैयार कर सोसाईटी के उद्यान आदि में प्रयोग में लाया जा रहा है। इसी प्रकार विभिन्न धार्मिक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले पर्वों व आयोजनों हेतु प्रतिबन्धित प्लास्टिक के दोने, चम्मच, गिलास, कटोरी का प्रयोग बन्द कर स्टील के बर्तनों का बर्तन बैंक तैयार किया जा रहा है। 

 

यही वजह है कि नगर आयुक्त द्वारा शहर के जनमानस को प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रतियोगात्मक वातावरण बनाने की अनूठी पहल की गयी है जिसमें आरडब्ल्यूए की रैंकिंग की जायेगी तथा सबसे उत्कृष्ट कार्य करने वाली 10 आरडब्ल्यूए को नगर आयुक्त द्वारा सम्मानित किया जायेगा। नगर आयुक्त द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वालों आरडब्ल्यूए, स्कूल एवं बाजारों के प्रतिनिधियों द्वारा किये जाये रहे कार्यों के मूल्यांकन के मानक गाजियाबाद नगर निगम की अधिकृत वेबसाईट से डाऊनलोड किये जा सकते हैं।