यूपीएसआईडीसी ने यमुना को प्रदूषित करने वाली 128 इकाइयों को भेजा नोटिस



# अन्य चिन्हित इकाइयों को भी इस बाबत गठित एक कमेटी की फाइनल रिपोर्ट के बाद भेजा जाएगा नोटिस

 

# एनजीटी के तेवर देख जल और वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के ध्वस्तीकरण और सीलिंग की कार्रवाई करने का मूड बना चुका है प्रशासन

 


गाजियाबाद। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश पर यमुना को प्रदूषित करने वाली लगभग 128 औद्योगिक इकाइयों को यूपीएसआइडीसी की क्षेत्रीय प्रबंधक  स्मिता सिंह ने नोटिस भेजा है। उन्होंने बताया कि यह सभी औद्योगिक इकाइयां साहिबाबाद और राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र की हैं। उन्होंने कहा कि अन्य चिन्हित इकाइयों की फाइनल सूची मिलने पर उन्हें भी ऐसी ही नोटिश भेजी जाएगी। 

 

वहीं, गत दिनों डीएम की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिनिधि सहित तीन विभागों की कमेटी का गठन किया गया है, जो अगले एक सप्ताह के भीतर ऐसी चिन्हित औद्योगिक इकाईयों की सूची तैयार करेगा।

 

गौरतलब है कि गत वर्ष 26 अक्टूबर 2018 को एनजीटी ने अधिवक्ता  और सामाजिक कार्यकर्ता सुशील राघव द्वारा दायर एक रिट पर आदेश जारी किया था, जिसमें यमुना को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाईयों को चिह्नित कर उनके खिलाफ अविलम्ब कार्यवाही करने के आदेश दिए गए थे। यही वजह है कि जनपद के औद्योगिक क्षेत्रों पर नियंत्रण रखने वाली संस्था यूपीएसआइडीसी ने साहिबाबाद व राजेंद्र नगर की ऐसी संभावित तकरीबन 128 इकाईयों को चिह्नित कर नोटिस जारी किया है, जिनमें कपड़े की डाई समेत ऐसे उद्योग शामिल हैं, जिनका प्रदूषित जल यमुना के जल पर्यावरण को बेहद प्रदूषित कर रहा है। 

 

बता दें कि तीन दिन पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एनजीटी, यूपीएसआइडीसी और जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें यमुना तथा उसकी सहायक अन्य नदियों, नालों में प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के दिशा निर्देश दिए गए, जिसके बाद सम्बन्धित प्रशासन हरकत में आ गया। उसी समय, यमुना को प्रदूषित करने वाली इकाइयों को चिह्नित करने के लिए एनजीटी और यूपीआइडीसी के अधिशासी अभियंता  तथा जिला उद्योग केंद्र के प्रतिनिधि के साथ मिलकर एक कमेटी का भी गठन किया गया, जो यमुना को प्रदूषित करने वाली इकाईयों की सूची तैयार कर सौंपेगी। 

 

ऐसा इसलिए कि इस मामले में दोषी सभी इकाइयों के खिलाफ एक बड़ी कार्यवाही अमल में लाने की तैयारी है, ताकि जल पर्यावरण की रक्षा करते हुए जल।प्रदूषण के कारकों को हतोत्साहित किया जा सके। बताया गया है कि प्रशासन द्वारा जल और वायु प्रदूषण फैलाने वाली तमाम इकाईयों का भी एक सर्वे कराने के साथ साथ उनकी पूरी सूची तैयार की जा रही है, ताकि जनपद पर किसी भी तरह के प्रदूषण की काली छाया न पड़े। शायद इसलिए भी इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन से दो टूक कहा गया है कि वह विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में सीटीपी लगवाए। 

 

इस सम्बन्ध में यूपीएसआइडीसी की क्षेत्रीय प्रबंधक स्मिता सिंह ने बताया कि एनजीटी की मौजूदगी में बनी कमेटी जिन औद्योगिक इकाइयों की सूची तैयार करके उन्हें सौंपेगी, उनके खिलाफ सीलिग और कैंसिलेशन की कार्रवाई की जाएगी। इस नजरिए से अबतक संभावित 128 इकाइयों को रजिस्ट्रेशन तथा एक मिली रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी की गई है। शेष पर कमेटी की फाइनल रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।