बड़े बदलावों की तैयारी






लोकसभा चुनाव के लिये आखिरी चरण का मतदान संपन्न हो जाने और एग्जिट पोल का नतीजा सामने आ जाने के बाद अब समूचा देश मतगणना के वास्तविक आंकड़ों को जानने के लिये उत्सुक है। बेशक चुनाव परिणाम सामने आने के बाद ही एग्जिट पोल के आंकड़ों पर निर्णायक मुहर लगेगी और उसके बाद ही असली तस्वीर सामने आ पाएगी। लेकिन इस बीच सत्तारूढ़ भाजपा ने जो संकेत दिया है उससे यह साफ है कि इस बार उसे अपनी जीत को लेकर रत्ती भर भी संदेह नहीं है। तभी तो भाजपा ने चुनाव परिणाम सामने आने का इंतजार करने के बजाय अभी से आगामी सरकार के गठन के लिये गुणा-भाग की कवायदें आरंभ कर दी हैं। इसी सिलसिले में जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राजग के घटक दलों के नेताओं से लेकर समान विचारधारा वाले संभावित सहयोगी दलों के साथ लगातार संपर्क कायम किया हुआ है वहीं दूसरी ओर बैठकों का सिलसिला शुरू करने में भी देरी नहीं की जा रही है। भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय पर आज शाम के वक्त सभी केन्द्रीय मंत्रियों को बुलाया गया है जहां प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष उनसे आमने सामने बैठकर बात करेंगे और भविष्य के एजेंडे को लेकर उनके साथ रायशुमारी की जाएगी। उसके बाद रात में मोदी और शाह की राजग के घटक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ पांच सितारा अशोका होटल में मुलाकात होगी जहां अगली सरकार की रूपरेखा और भविष्य की योजनाओं पर विचार विमर्श होगा। इस बीच संकेत यह भी मिल रहे हैं कि देर रात या फिर अगले दिन मोदी और शाह की संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ भी दिल्ली में मुलाकात हो सकती है जिनको आगामी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देने के अलावा भविष्य के लिये उनसे मार्गदर्शन भी लिया जाएगा। सच पूछा जाए तो अब भाजपा में बड़े बदलावों की शुरूआत होने जा रही है जिसमें सत्ता से लेकर संगठन तक में ही नहीं बल्कि राजग की मौजूदा तस्वीर में भी व्यापक बदलाव व फेरबदल के आसार हैं। इसके लिये बहुस्तरीय बैठकों और बातचीत का दौर आरंभ हो चुका है। राजग की मौजूदा तस्वीर में बदलाव की कवायदें चल रही हैं उसमें अब इस गठजोड़ का दक्षिण में व्यापक विस्तार करने की योजना है। इसके लिये अभी मौका भी है, अपेक्षा भी है और आवश्यकता भी। इसी बात का संकेत देते हुए भाजपा ने यह जता दिया है कि भले ही वह अपने दम पर पूर्ण बहुमत के आंकड़े के लिये आवश्यक 272 से काफी अधिक सीटें जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है लेकिन पिछली बार की ही तरह इस बार भी सरकार में सहयोगी दलों को साझेदारी का मौका देने से कतई परहेज नहीं बरता जाएगा। इसके अलावा भाजपा की मंशा है कि सरकार गठन से पूर्व राजग का भी विस्तार किया जाए और आंध्र प्रदेश में बड़ी जीत दर्ज कराने की ओर बढ़ती दिख रही वाईएसआर कांग्रेस और ओडिशा की बीजू जनता दल से लेकर तमिलनाडु में चुनाव पूर्व गठबंधन के साथी रहे अन्ना द्रमुक सरीखे दलों को भी औपचारिक तौर पर राजग में शामिल करके उन्हें सत्ता में भागीदारी करने का मौका दिया जाए। बताया जा रहा है कि राजग के विस्तार की कार्ययोजना खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ही तैयार की है और इसके लिये आधार बनाया गया है इस तथ्य को कि जिन सूबों में भाजपा अभी तक अपने दम पर कोई करिश्मा कर पाने में नाकाम रही है वहां के समान विचारधारा वाले बड़े दलों को राजग का हिस्सा बना लिया जाये। इसके लिये राजग के संभावित सहयोगियों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार संपर्क बनाए हुए है और उनको गठबंधन में शामिल करने की योजना पर मौजूदा सहयोगियों को सहमत करने की औपचारिक तौर पर कोशिश की जा रही है। निश्चित तौर पर इसके लिये राजग के मौजूदा स्वरूप में आम सहमति बनाकर ही भाजपा आगे कदम बढ़ाना चाह रही है लिहाजा राजग के घटक दलों की बैठक में इस मसले पर भी विचार करके अंतिम निर्णय लिया जाना है। चुंकि नए सहयोगियों के जुड़ने से सत्ता में साझेदारी के लिये अपने हिस्से की मलाई देनी होगी लिहाजा इसके लिये कोई सर्वमान्य फार्मूला और पैमाना भी तय करना होगा। लिहाजा आज की बैठक में इस इस मसले पर भी विचार विमर्श करके आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा कि सहयोगी दलों के बीच किस अनुपात में पदों का बंटवारा किया जाए और उसके लिये कितनी सीटों पर जीत को पद पर दावेदारी का पैमाना बनाया जाए। राजग के अलावा सरकार और भाजपा संगठन में भी व्यापक बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत जहां एक ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के तकरीबन आधा दर्जन मौजूदा पदाधिकारियों को सत्ता के संचालन में भागीदार बनाने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है वहीं दूसरी ओर मौजूदा मंत्रिमंडल में व्यापक फेर बदल की कार्ययोजना भी बनाई जा रही है। आज शाम के वक्त होने जा रही मोदी और शाह के साथ केन्द्रीय मंत्रियों की बैठक में यह भी विचारणीय होगा कि किसको आगामी सरकार में जगह मिलेगी और किसका पत्ता साफ हो जाएगा। चुंकि पार्टी संगठन के कई चेहरे सरकार में शामिल हो सकते हैं लिहाजा संगठन में भी स्वाभाविक तौर पर व्यापक बदलाव ही जरूरत होगी। इसके लिये प्रदेशों से भी लोगों को लाया जाएगा और संघ के कोटे से भी। यानि समग्रता में देखें तो अगले कुछ दिनों में काफी कुछ बदला हुआ दिखाई देगा और यह बदलाव तकरीबन हर स्तर पर दिखेगा। वैसे भी अगली सरकार के गठन की औपचारिकता को पूरा करने में पार्टी कतई देर नहीं करना चाहती है। वह भी तब जबकि एग्जिट पोल का नतीजा भी सामने आ चुका है और इस बात की जमीनी जानकारी भी उपलब्ध है कि इस बार का चुनाव परिणाम पूरी तरह से भाजपा और राजग के पक्ष में रहने वाला है। ऐसे में अगली सरकार के स्वरूप से लेकर राजग के विस्तार और पार्टी संगठन ने मौजूदा कलेवर में बदलाव को लेकर विचार-विमर्श का सिलसिला आरंभ करने के पीछे सोच यही है कि मतगणना का परिणाम सामने आने के बाद यथाशीघ्र नई सरकार अपना कार्यभार संभाल ले और उसीके अनुरूप बाकी बदलावों को भी क्रमवार तरीके से अंजाम दे दिया जाए।