बेल पर हैं जेल भी जायेंगे

                                                          व्यंग्य


                                           (बाल मुकुन्द ओझा)


देश में कभी एक शेरनी सौ लंगूर चिकमंगलूर चिकमंगलूर का नारा खूब गूंजा था। आज एक शेर सौ सियार और फिर आएगी मोदी सरकार का नारा लोगों की जुबान पर चढ़ रहा है। हालाँकि शेर कौन है और कौन शियार है इसका पत्ता 23 मई को ही चल पायेगा। मगर देश इस समय चुनावी बुखार पर सवार है और मोदी मोदी के शोर में डूबा है। आधी लोकसभा सीटों का फैसला हो चुका है। देशभर में सर्वत्र लोगों की जुबान पर मोदी का नाम चढ़ा हुआ है। भारत में कभी इंदिरा इज इण्डिया और इण्डिया इज इंदिरा का नारा भी बुलंद हुआ था। आज भाजपा इज मोदी और मोदी इज भाजपा खूब प्रचलित हो रहा है। भाजपा के एकमात्र स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बने है। आजादी के बाद किसी प्रधानमंत्री ने इतनी चुनावी रैलियां और सभाओं को सम्बोधित नहीं किया जितनी मोदी ने ली है। कांग्रेस के लिए मोदी हौवा बन चुके है। ममता मोदी के दांत तोड़ने पर उत्तारु है। अखिलेश और मायावती का बस चले तो मोदी को देश निकाला दे दे। वामपंथी मोदी को बंगाल की खाड़ी में फेंकना चाहते है। राहुल और लालू राबड़ी मोदी को जेल भेजना चाहते है। जैसे चिकमंगलूर में विपक्षी पार्टियां इंदिराजी के पीछे हुई थी वैसे ही आज का विपक्ष किसी हड़काये कुत्तें की तरह मोदी के पीछे पड़ा है। पलटवार करने में मोदी भी पीछे नहीं है। मोदी कह रहे है ये बेल पर है शीघ्र जेल भी जायेंगे।
पक्ष हो या विपक्ष यह चुनाव सब के लिए जीवन मरण का चुनाव हो गया है। ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस हारी तो राहुल देश छोड़ देंगे। ममता बांगला देश चली जाएगी और माया अखिलेश की जोड़ी पाकिस्तान में शरण ले लेंगे। देश में मोदी को लगातार गालियों से नवाजा जा रहा है तो दुनियां के देश मोदी को विभिन्न सम्मानों से विभूषित कर रहे है। घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध मुहावरा हम पर जैसे बिल्कुल सटीक बैठता है।