मोदी को क्लीनचिट पर बवाल


                  (बाल मुकुन्द ओझा)


प्रधान मंत्री मोदी को चुनाव आयोग से आचार संहिता उल्लंघन मामलों में लगातार मिल रही क्लीनचिट से कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के खेमों में खलबली मची हुई है। वे इस क्लीनचिट को पचा नहीं पा रहे है और नित नए मामले प्रस्तुत कर मोदी को येन केन प्रकारेण दण्डित करवाने पर तुले हुए है। आयोग है की किसी भी मामले में मोदी के विरुद्ध संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। अब कांग्रेस ने आयोग पर ही तोहमत लगाने शुरू कर दिए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन के लगभग एक दर्जन मामलों में क्लीनचिट मिलने से विपक्ष ने बवाल मचा दिया है। कांग्रेस और सपा, बसपा का कहना है चुनाव आयोग मोदी से मिला हुआ है। खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे कहावत को चरितार्थ करता विपक्ष चाहता है चुनाव आयोग मोदी के खिलाफ संज्ञान ले। चाहे मामला बनता हो या नहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन के सभी मामले में चुनाव आयोग से क्लीन चिट मिल गई है। इसमें गुजरात के अहमदाबाद में कथित रोड शो और कर्नाटक के चित्रदुर्ग में भाषण का मामला शामिल है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजीव गांधी को कथित रूप से भ्रष्टाचारी नंबर वन कहे जाने पर चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी। आयोग को रिपोर्ट और उसके साथ ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग भेजी गयी। रिपोर्ट में मोदी के भाषण का संबंधित अंश है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री की टिप्पणी को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं पाया गया है।
जिन ताजा मामलों में मोदी को क्लीन चिट दी गई है, उनमें से एक मामले में कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पीएम ने रोड शो निकालकर आचार संहिता का उल्लंघन किया था। इसके अलावा मोदी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के हीरो का जिक्र करते हुए नए मतदाताओं से से वोट डालने की अपील की थी। इसके बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। अब दोनों ही मामलों में पीएम को क्लीन चिट दे दी गई है। इससे पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के सभी मामलों में चुनाव आयोग क्लीन चिट दे चुका है। इसको लेकर कांग्रेस भी कई सवाल खड़े कर चुकी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया। कांग्रेस पीएम के हर भाषण पर आपत्ति जता कर चुनाव आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करवा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता और खुद कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गाँधी मोदी पर संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का आरोप लगा रहे है मगर वे खुद पीएम जैसे पद पर आरोप लगाने से नहीं चूक रहे है। चैकीदार चोर है का नारा लगाकर राहुल खुद संविधान को चीर चीर कर रहे है। खुद काकोजी गुड़ खावे और दूसरों को नसीहत देवे की बात कर रहे है।
इससे पूर्व कांग्रेस ने अब तक पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की 11 शिकायतें दर्ज कराई थीं। आयोग उन्हें अनसुना करता रहा तो कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि हुजूर आप ही कुछ करें। आयोग तो सुनता ही नहीं। इसके बाद कोर्ट ने आयोग को सचेत किया कि आखिर आयोग अपनी शक्तियों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहा? कोर्ट ने मोदी-शाह के खिलाफ दर्ज आचार संहिता उल्लंघन की सभी शिकायतों को निपटाने को कहा। इसके बाद आयोग ने शिकायतों पर अपनी कुंडली ढीली की और दनादन फरमान आने लगे। सब में क्लीन चिट! शिकायतों में स्थानीय चुनाव प्रशासन की भेजी रिपोर्ट विपक्ष की शिकायतों और भाषणों की वीडियो रिकॉर्डिंग वाले सबूतों के बावजूद आयोग को किसी में कोई दम नजर नहीं आया।
कांग्रेस आरोप लगा रही है मोदी लगातार सेना के नाम का उपयोग कर रहा है। इसके जवाब में भाजपा कह रही है इंदिरा गाँधी ने बांग्ला देश युद्ध का उदहारण देकर तो एक चुनाव ही जीत लिया था।