सीबीआरई ने नैसकाॅम के साथ साझेदारी में भारत के सबसे बड़े प्राॅपटेक चैलेन्ज ‘‘डिसरप्टैक’’ का किया ऐलान

 


नई दिल्ली। भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कन्सल्टिंग फर्म सीबीआरई साउथ एशिया प्रा लिमिटेड ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ़  साॅफ्टवेयर एण्ड सर्विसेज़ कंपनीज़ (नैसकाॅम) के साथ साझेदारी में भारत के सबसे बड़े प्राॅपटेक चैलेन्ज का ऐलान किया है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए आधुनिक तकनीकी समाधान पेश करने वाले उभरते स्टार्ट-अप्स को पहचानना नैसकाॅम-सीबीआरई 'प्राॅपटैक चैलेन्ज' का उद्देश्य है। यह मंच ऐसे उभरते कारोबारोें को समर्थन प्रदान करता है जिनमें रचनात्मक, आधुनिक एवं डिसरप्टिव सोच के साथ रियल एस्टेट बाज़ार में बदलाव लाने की क्षमता हो।


 इस पहल पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए अंशुमन मैगज़ीन, चेयरमैन एवं सीईओ, भारत, दक्षिणी पूर्वी एशिया, मध्यपूर्व एवं अफ्रीका, सीबीआरई ने कहा, ''हमें खुशी है कि हम रियल एस्टेट बाज़ार में इस अनूठी पहल की शुरूआत करने जा रहे हैं जो डिसरप्टिंग एवं काॅमर्शियल रियल एस्टेट स्पेस की अवधारणाओं को बढ़ावा देती है। भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था में तकनीक के अनुसार अपने आप को ढालना और ऐसे कारोबारों को बढ़ावा देना ज़रूरी है जो उद्योग को विश्वस्तर पर टेक-रैडी बना सकें।''


 हाल ही में सीबीआरई द्वारा किया गया एक सर्वेक्षण इस क्षेत्र में डिजिटलीकरण की तीव्र गति पर रोशनी डालता है। 90 फीसदी कारोबारी और डेवलपर्स अगले 5 सालों में अपने कारोबार संचालन में तकनीकी बदलाव लाना चाहते हैं। डिजिटलीकरण के परिणामस्वरूप डेवलपर्स और कारोबारियों के बीच अच्छे संबंध बन रहे हैं; डेवलपर्स कारोबारियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपनी रणनीतियों में बदलाव ला रहे हैं। कारोबार दक्षता एवं प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए लागत प्रभाविता एक बड़ा पहलु बना हुआ है।


 वे स्टार्ट-अप्स जो अपने इनोवेटिव आइडिया को प्रस्तुत करना चाहते हैं या ऐसे मंच की तलाश में हैं जिसके ज़रिए वे बड़ी संख्या में दर्शकों के समक्ष अपने आधुनिक विचारों को रख सकें, वे इस चैलेंज में हिस्सा ले सकते हैं। चैलेन्ज  के लिए प्रविष्टियां चार श्रेणियों में की जा सकती हैंः रियल एस्टेट फिन टेक; सस्टेनेबिलिटी; एजिलिटी एण्ड एफिशिएन्सी और मेड फाॅर इण्डिया।