बढ़ती आबादी घटता पानी

(हर्ष शर्मा)


भारत में आबादी निरंतर बढ़ती जा रही है और पीने का पानी घटता जा रहा है। यही स्थिति रही तो  लोगों की प्यास बुझाना संकट में पड़ जायेगा। भारत में 130 करोड़ आबादी है और इस आबादी को जीने के लिए पानी की जरूरत है। पानी पीने के साथ भोजन, स्वच्छता, उद्योग आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजकल जमीनी स्तर का पानी हर रोज खराब हो रहा है और बहुत ही कम ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की व्यवस्था ठीक तरह हो पाई हैं। कई उद्योग बंद होने के जोखिम में हैं और कई पहले से ही बंगाल, केरल, कर्नाटक, आंध्र, असम और झारखंड जैसे राज्यों में पानी की कमी के कारण बंद हो चुके है।
यूनाइटेड नेशन ऑर्गनाइजेशन द्वारा हाल ही जारी एक निगरानी जल निकाय से पता चलता है कि पाइप की जल सुविधाओं तक पहुंच के साथ जनसंख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जबकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बड़ी असमानताएं हैं। संगठन ने एक और रिपोर्ट जारी की है कि इस सदी के मध्य तक दुनियां की आबादी लगभग 10 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। आधी से अधिक वृद्धि केवल नौ देशों - भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, तंजानिया, इंडोनेशिया, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका में केंद्रित होगी - जबकि उप-सहारा अफ्रीका की जनसंख्या लगभग अनुमानित है। यदि जनसंख्या में वृद्धि जारी रहती है,और समय पर समाधान नहीं किए जाते है तो लोगों के लिए भविष्य में पानी प्राप्त करना कठिन होगा।
अभी तक 80 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को पाइप जलापूर्ति के साथ, सरकार ने अगले पाँच वर्षों में गाँवों में प्रत्येक घर के लिए नल से जल सुनिश्चित करने के लिए एक नया मिशन शुरू करने की घोषणा की है। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में, सभी राज्यों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों के साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के साथ एक स्टॉक-मीटिंग के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 14 करोड़ घरों को कवर करने के लिए जल जीवन मिशन शुरू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में जल उपलब्धता और आवश्यकता के बीच 43 प्रतिशत की कमी होगी।
लोकसभा में डॉ. मनोज राजोरिया द्वारा उठाए गए एक विधेयक पर चर्चा की जा रही है ताकि भूजल स्तर में वृद्धि के लिए नीति तैयार की जा सके। यह सदन देश के लगभग सभी हिस्सों में भूजल की कमी पर अपनी चिंता व्यक्त करता है और सरकार से भूजल स्तर बढ़ाने के लिए एक उपयुक्त नीति बनाने और इसके कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकारों को पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह करता है।
बेहतर जीवन के लिए बेहतर जल प्रणाली की आवश्यकता है और विशेष रूप से अगर हम इतने अधिक जनसंख्या वाले देश में रह रहे हैं। शुद्ध जल शरीर के लिए अति आवश्यक है अगर हम अपने शरीर को खराब जल देंगे तो हमे काफी नुकसान पहुंचेगा, बीमारियो का भी सामना करना पड़ सकता है। प्लास्टिक जैसे जल प्रदूषण के कारण पानी पहले से ही दूषित है, इससे समुद्री जीवन को भी नुकसान पहुंच रहा है और पर्यावरण पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
छोटी छोटी बातों का अगर हम खुद भी खयाल रखें जैसे की जल का सही इस्तेमाल करना, व्यर्थ ना जाने देना और बच्चो को भी यही सीख देना आने वाले समय के लिए उपयुक्त होगा। सरकार ने पहले से ही इस कार्य के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है और अब सरकार के लिए कार्रवाई करने का समय है।
यू एन की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक 10 बिलियन जनसंख्या हो जाएगी। जमीनी स्तर का पानी कम हो रहा है और खराब होते जा रहा है। सरकार ने नल से जल योजना के रूप में राह दिखाई है। योजना से शुरुवाती तौर पर 14 करोड़ लोगो को इस योजना का लाभ मिलेगा।