केजरीवाल को शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं करने दिया जायेगा-मनोज तिवारी
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनधिमंडल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर स्कूल मेनेजमेंट कमेटी द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन पर तुरन्त रोक लगाने, स्कूल मेनेजमेंट कमेटी को भंग करने तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष  विजेन्द्र गुप्ता, प्रदेश महामंत्री  कुलजीत सिंह चहल, रविन्द्र गुप्ता, राजेश भाटिया, विधायक  ओम प्रकाश शर्मा,  जगदीश प्रधान,  कपिल मिश्रा, कर्नल देवेन्द्र सहरावत,  अनिल बाजपेयी, मीडिया सह-प्रभारी नीलकांत बक्शी, मीडिया प्रमुख  अशोक गोयल देवराहा सम्मिलित थे।

 

श्री मनोज तिवारी ने कहा कि शिक्षा के नाम पर राजनीति करने वाली दिल्ली सरकार को शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं करने दिया जायेगा। लोकसभा चुनाव के बाद अरविन्द केजरीवाल की राजनीतिक जमीन पूरी तरह से खिसक गई है जिसे दोबारा बचाने के लिए वह गलत हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है जिसके कारण उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अपने खिसकते जनाधार को कैसे बचायें। लोकसभा चुनाव से पहले भी केजरीवाल ने शिक्षा का राजनीतिकरण करने की कोशिश की थी और आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए अभिभावकों पर दबाव डालने की कोशिश की थी लेकिन भाजपा द्वारा चुनाव आयोग में शिकायत करने के बाद वे अपने मंसूबों मे कामयाब नहीं हो सके।

 

श्री तिवारी ने कहा कि एसएमसी की बैठक में आये अभिभावकों एवं अध्यापकों को आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की कसम खिलाई जा रही है, उनसे यह पूछा जा रहा है कि लोक सभा चुनाव में आप लोगों ने आम आदमी पार्टी को वोट क्यों नहीं दिया, भारतीय जनता पार्टी को वोट क्यों दिया, क्या आने वाले चुनावों में केजरीवाल को वोट देंगे, आप लोग वाद करके कसम खाइये कि विधानसभा चुनाव में केजरीवाल को ही वोट देंगे। 

 

केजरीवाल द्वारा पूछे जा रहे इस तरह के सवालों पर कड़ी आपत्ति जताते हुये श्री मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से जो वादे किये थे अब साढे़ चार साल बीत जाने के बाद भी पूरे नहीं किये। आज बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए भी दिल्ली के लोग तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा इस तरह के सवाल पूछा जाना यह साबित करता है कि आम आदमी पार्टी का जनाधार पूरी तरह से दिल्ली में खत्म हो चुका है। पार्टी में भगदड़ मच गई है जिसे रोकने के लिए केजरीवाल हर हथकंडा अपना रहे हैं, लेकिन दिल्ली की जनता लोकसभा चुनाव की तरह ही आने वाले विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी के साथ पूरी तरह खड़ी है।