अवसर लाता है।
यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ नलिनी सिंह ने बताया कि दान दिये गये रक्त का इस्तेमाल गंभीर रुप से रक्त की कमी से जूझ रही महिला, बच्चे, दुर्घटना के दौरान अत्यधिक खून बह जाने के बाद पीड़ित को, सर्जिकल मरीज को, कैंसर पीड़ित को, थैलेस्सेमिया मरीज को, हिमोफिलीया से पीड़ित लोग, लाल खून की कोशिका की कमी, खून की गड़बड़ी, खून का थक्के की गड़बड़ी से जूझ रहे लोगों को दिया जाता है।
वरिष्ठ पैथोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत सिंह बताते हैं कि उचित दान के लिये पर्याप्त रक्त के प्रबंधन के दौरान बहुत सारे जीवन के खतरों की चुनौतियों का सामना एक पर्याप्त रक्त आपूर्ति से रहित जगह करती है। खून की पर्याप्त आपूर्ति और इसके उत्पादों को स्व-प्रेरित, बिना भुगतान वाले और स्वैच्छिक रक्त दाताओं के द्वारा नियमित और सुरक्षित दान के द्वारा ही केवल पूरा किया जा सकता है।
हॉस्पिटल के महाप्रबंधक डॉ सुनील डागर ने सभी स्वैच्छिक रक्दाताओं से 14 जून को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की। साथ ही डॉ राहुल शुक्ला, मेडिकल डायरेक्टर ने सभी डॉक्टरों से अनुरोध किया कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्दान के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही बैनर और पोस्टरों के माध्यम से लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करने का अभियान प्रारम्भ किया। इस अवसर पर यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी के ब्लड बैंक के अधिकारी कैलाश पपनोई, मनी कुमार, पूजा चौधरी, गौरव भार्गव भी मौजूद थे।