भारतीय सेना और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

भारतीय सेना की धन सूचना प्रणाली संगठन (एमआईएसओ) सूचना प्रणाली महानिदेशालय (डीजीआईएस) के अधीन एक नोडल एजेंसी है, जो रक्षा मंत्रालय (सेना) के एकीकृत मुख्यालय और अन्य एजेंसियों को समेकित करने के लिए प्रबंधन संबंधित सूचना उपलब्‍ध कराने हेतु कर्मियों, उपकरणों और प्रमुख स्‍टोर्स के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस के रख रखाव के लिए अधिदेशित है। यह अनुप्रयोग विरासत में प्राप्‍त था और इसमें समग्र सुधार की आवश्यकता थी।


संगठनात्मक अपेक्षाओं और बढ़ी हुई उपयोगकर्ता आकांक्षाओं को पूरा करने, इसके बजाये कि पारंपरिक विकासात्मक ढांचे को नियोजित किया जाये, डीजीआईएस ने नए एमआईएसओ एप्लिकेशन को विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के साथ एक नए सहयोगी दृष्टिकोण का प्रयोग किया। गांधीनगर स्थित भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लिकेशन और भू-सूचना विज्ञान (बीआईएसएजी), जो कि गुजरात सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक सीएमएमआई-5 स्तर का संस्थान है, में विकास कार्य आरंभ हुआ। थोड़े समय में ही इस प्रयोग के अच्‍छे  लाभ प्रदर्शित हुए हैं और यह तेज गति से आईए के स्वचालन के लिए बेहद लाभप्रद साबित हुआ है।


समस्‍त विकास संबंधी ढांचे, संरचनाओं और कार्यप्रणाली को औपचारिक रूप देने के लिए, सूचना प्रणाली के महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट, कोर ऑफ ईएमई लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कपूर और एमएस राव, अध्यक्ष और सीईओ, एनई जीडी ने बीआईएसएजी के  निदेशक  टीपी सिंह की उपस्थिति में  एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।


इस एमओयू पर हस्ताक्षर रक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच अपनी तरह की पहली अंतर-मंत्रालयी पहल है और इससे आईए के लिए सहयोगात्मक तरीके से नवीन समाधान खोजने के लिए इसी तरह के संयुक्त ढांचे का निर्माण होना सुनिश्चित है।