जत्थेदार अवतार सिंह हित्त और हरजीत सिंह पप्पा चेयरमैन नियुक्त

नई दिल्ली। दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधीन चलते गुरु तेग बहादुर इंस्टीटियूट ऑफ टैक्नालोजी और गुरु तेग बहादुर पालिटैक्निकल कालेज की नयी चुनी कमेटी ने कार्यभार संभाला। नव नियुक्त पदाधिकारियों को दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स. मनजिंदर सिंह सिरसा ने कार्यभार सौंपा।


      वरिष्ठ अकाली नेता और तख्त श्री पटना साहिब कमेटी के अध्यक्ष स. अवतार सिंह हित गुरु तेग बहादुर इंस्टीटियूट ऑफ टैक्नालोजी के चेयरमैन और स. हरजीत सिंह पप्पा गुरु तेग बहादुर पोलिटैक्निकल कालेज के चेयरमैन नियुक्त किये गये। इसके साथ ही स. गुरमीत सिंह भाटिया को गुरु तेग बहादुर इंस्टीटियूट ऑफ टैक्नालोजी के मैनेजर और स. त्रिलोचन सिंह  ढिल्लों को गुरु तेग बहादुर पोलिटैक्निकल कालेज का मैनेजर बनाया गया है।


      कमेटी के उपरोक्त नेताओं को चार्ज देने के बाद संबोधन करते हुए दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष स. सिरसा ने कहा कि स. अवतार सिंह हित लम्बे समय से कौम की सेवा करते आ रहे हैं और हम भी गुरुद्वारा सेवा संभाल के लिए इनसे सलाह मशवरा लेते रहते हैं और जत्थेदार हित दिल्ली कमेटी के अधीन चलते इन कालेजों को बहुत ही अच्छे ढंग से चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते समय में पिछली कमेटी की नाकामियों के चलते जब कालेज बंद होने की कगार पर आ गया था तो जत्थेदार हित्त और कालेज की डायरेक्टर के अथक प्रयासों की बदौलत ही कालेज बना और आज यहां बच्चों का पुनः दाखिला बहाल हो सका।


      उन्होंने कहा कि स. गुरमीत सिंह भाटिया, स. हरजीत सिंह पप्पा और स. त्रिलोचन सिंह ढिलों भी पंथ की सेवा लम्बे समय से निःस्वार्थ हो कर करते आ रहे हैं और मैं आशा करता हुं कि यह नये पदाधिकारी कालेजों को बुलंदियों पर लेकर जायेंगे।


      स. सिरसा ने कहा कि दिल्ली कमेटी के कालेजों से अल्पसंख्यकों को बहुत लाभ हो रहा है और इसलिए हम सब को चाहिए कि हम इन कालेजों को सफल बनायें और खास करके अध्यापक वर्ग को इस के लिए गंभीरता से सोचना चाहिए। दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी को कोई समस्या है तो वह हमारे साथ मिल बैठकर मसला सुलझा सकता है न कि अदालतों में जाकर कालेजों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाये।


      इस मौके पर कमेटी सदस्य जगदीप सिंह काहलों, निशान सिंह मान, सरबजीत सिंह विरक, रमिंदर सिंह स्वीटा, सतिंदरपाल सिंह नागी, गुरमीत सिंह मीता, स. दलजीत सिंह सरना भी मौजूद रहे।