" कठपुतली " 






" कठपुतली " 

सुन्दर  ,

सुशिक्षित , 

नौकरीपेशा , 

पाककला व 

अतिथि सत्कार में दक्ष 

पत्नी , बहू , माँ 

कोई मांग नहीं 

न वस्त्र ,न आभूषण 

क्योंकि, 

सामान्य स्त्री से परे ।

मिलता है 

बाँहों का हार , 

चुंबन कर्णफूल 

अंकपाश सम्पूर्ण श्रंगार

परन्तु ; उपेक्षित

क्योंकि

परिवार की कसौटी पर 

खरी नहीं ।

उन्हें चाहिए ....

पत्नी ? नहीं ....

जीवन साथी ? नहीं ....

हमराही ? नहीं .....

इशारों पर नाचने वाली 

" कठपुतली ....." ।


डॉ दीपा शुक्ला 

लखीमपुर खीरी 

उ .प्र .