खत /पाती
हे ईश्वर खत लिखती हुँ तुम्हे,
मेरी विनती स्वीकारो,
मेरी पाती को मजाक में न लेना
मेरी अर्जी पूरी कर देना।
एक इच्छा है सब सुखी रहे
एक इच्छा है सब निरोगी हो
एक इच्छा न कोई अनाथ हो
सब के साथ माँ पिता रहे
न कोई माँ वृद्धाश्रम जाए
न कोई पिता कही हाथ फैलाए।
न कोई बच्चा भूखा सोए।
न कोई दिन रैना रोए।
मैं नन्ही सी एक गुड़िया हुँ
जैसे जादू की पुड़िया हूँ
तेरे जवाब का इंतज़ार है
खत आएगा "परी"को एतबार है।
प्रेक्षा डॉन गोधा
"परी "10 वर्ष
दुर्ग छत्तीसगढ़