'मन की बात' में है देश की बात : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में दूसरी बार सत्ता की बागडोर संभालने के बाद अपने मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' की शुरूआत करते हुए आज कहा कि इसमें देश और जनता की बात होती है और उनको  काम करने की ऊर्जा मिलती है। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ' मन की बात' में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह चुनावी आपाधापी में 'मन की बात' कार्यक्रम की कमी महसूस कर रहे थे। दूसरे कार्यकालमें उन्होंने कार्यक्रम का आरंभ करते हुए कहा, * एक लम्बे अंतराल के बाद, फिर से एक बार, आप सबके बीच, 'मन की बात', जन की बात, जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला प्रारम्भ कर रहे हैं। चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो बहुत थी लेकिन 'मन की बात'का जो मजा है, वो गायब था। एक कमी महसूस कर रहा था। अपनों के बीच बैठ के, हल्केफुल्के माहौल में, 130 करोड़ देशवासियों के परिवार के एक स्वजन के रूप में, कई बातें सुनते थे, दोहराते थे और कभीकभी अपनी ही बातें, अपनों के लिए प्रेरणा बन जाती थी। प्रधानमंत्री ने कहा, आप मुझे चलाते हैं, आप मुझे दौड़ाते हैं, आप मुझे पल-पल प्राणवान बनाते रहते हैं और इसी नाते की मैं कुछ कमी महसूस करता थाआज मेरा मन खुशियों से भरा हुआ है। जब मैंने आखिर में कहा था कि हम तीन-चार महीने के बाद मिलेंगे, तो लोगों ने उसके भी राजनीतिक अर्थ निकाले थे और लोगों ने कहा कि अरे मोदी  का कितना आत्मविश्वास है। यह विश्वास मोदी का नहीं था - ये विश्वास, आपके विश्वास के आधार का था। वास्तव में मैं आया नहीं हूँ - आपने मुझे लाया है, आपने ही मुझे बिठाया है और आपने ही मुझे फिर से एक बार बोलने का अवसर दिया है। 


प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ किया कि मन की बात मेरी न हो कर देश की बात होती है क्योंकि यह आपके प्रश्नो व् सुझावों पर आधारित होती है। उन्होंने मतदान के तुरंत बाद अपनी केदारनाथ यात्रा की चर्चा करते हुए कहा की वे अपनेआप से मिलने गए थे। उन्होंने चुनाव में लगे सभी पुलिसकर्मी की भी सराहना की तथा जल संरक्षण के लिए सभी को स्वछता अभियान की तरह इसे जन आंदोलन बनाने की अपील की।सभी को डिजिटल बनाने वाले मोदी ने लोंगो से वक़्त निकाल कर पुस्तक पढ़ने की बात कही।