मनमौजी बादल

मनमौजी बादल


नभ के मनमौजी बादल
सबको मौज कराते बादल
नभ के आँगन में नित खेलों
हम से मत करो अठखेली बादल।
तन के काले मन के उजले
कभी अकेले मत आओ बादल
सागर से सागर भर लाओ
निर्मल जल बरसाओ बादल।
बिन बरसे मत जाओ बादल
तुम हो अजब खिलाडी बादल
अन्न के मोती उपजाओ बादल।
भूखे नंगे में उज्जवल ज्योति
जीने की आग जलाओ बादल
नयनों के उजड़े सपनों में
नयी आस दिखाओ बादल।
तुम ही हो सुख दुःख के साथी
हमेशा काम आने वाले
कहो भारती अजब है लीला
गावं शहर बिन गाड़ी आते बादल।


मंगल व्यास भारती
गढ़ के पास , चूरू राजस्थान