प्रतियोगिता का विषय था 'परमाणु ऊर्जा, राष्ट्र की ऊर्जा' और यह भारत के परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल), भारत सरकार के उपक्रम के लिए आयोजित किया गया था।
प्रतियोगिता लगभग 270 छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। विद्यार्थियों के कार्य का परीक्षण विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
आठवीं कक्षा के अब्दुल रज़ीकुल को प्रथम स्थान ,सातवीं कक्षा की फ़र्दीआ को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।
स्कूल की प्राचार्या सुश्री पूनम शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों की अभिव्यक्ति उनकी रचनात्मकता का संकेत है। बच्चों ने बहुत सृजनात्मक तरीके से ऊर्जा के महत्व को चित्रित किया और यह भी दिखाया कि कैसे परमाणु ऊर्जा से बिजली का उत्पादन पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाता। उन्होंने विजेता छात्रों को पुरस्कार भी दिए। परीक्षकों ने भी युवा छात्रों के कार्य की सराहना की और कहा कि यह विज्ञान और ऊर्जा के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा।
इस अवसर पर बुधिया पर आधारित कॉमिक्स, एक काल्पनिक पात्र जो कि परमाणु ऊर्जा का समर्थन करने के लिए गाँव वालों को प्रेरित करता है, उन्हें छात्रों के बीच वितरित किया गया। इस पात्र का निर्माण एनपीसीआईएल के मीडिया मैनेजर श्री अमृतेश श्रीवास्तव ने किया है और इस पहल ने अपनी सादगी और प्रभावशीलता के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। उसी पात्र पर एक विशेष तीन भाग वाली एनिमेटेड फिल्म भी दिखाई गई।
परमाणु ऊर्जा के बारे में जागरूकता पैदा करने, स्वच्छ, प्रदूषण रहित ऊर्जा स्रोत के रूप में और यहाँ तक कि परमाणु ऊर्जा के बारे में गलत धारणाएँ और गलतफहमी को दूर करने के उद्देश्य से भारत भर में ऐसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
भारत में वर्तमान में परमाणु ऊर्जा उत्पादन 6780 मेगावाट है और वर्ष 2023 तक 13,000 मेगावाट तक पहुँचने की योजना है।