राष्ट्रीय व्यापार नीति देश में व्यापार और वाणिज्य को मजबूत करेगी

            व्यापारिक समुदाय को नीति के मसौदे का बेसब्री से इंतजार


कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)  ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री  पीयूष गोयल को देश की पहली राष्ट्रीय खुदरा नीति के मुद्दे को गति देने के लिए बधाई दी है जिसका मसौदा बहुत जल्द ही वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआइआइटी विभाग द्वारा जारी किया जाने वाला है। कैट ने कहा की यह नीति एक गेम चेंजर होगी और भारत में व्यापार और वाणिज्य की संरचित वृद्धि को प्रोत्साहित करेगी जिससे देश के रिटेल व्यापार का बड़ा विकास होने और घरेलू व्यापार के संसाधनों का दोहन करने की बड़ी सम्भावना है !


कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के व्यापारिक समुदाय को राष्ट्रीय खुदरा नीति के मसौदे का बेसब्री से इंतजार है जिसमें वर्णित नीतियां निश्चित रूप से घरेलू व्यापार को बहुत हद तक बढ़ाने में समर्थन प्रदान करेंगी । श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि आजादी के बाद से घरेलू व्यापार कभी भी किसी सरकार की प्राथमिकता में नहीं था और इस तरह यह अपने दम पर देश में विकसित हुआ है। भारत में खुदरा व्यापार रुपये 650 बिलियन डॉलर यानी लगभग 45 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार है। यह पहली बार है कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था में व्यापारिक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को महसूस किया है और इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय खुदरा नीति तैयार करने का बड़ा निर्णय लिया है । पिछले पांच वर्षों से कैट भारत के खुदरा व्यापार को मजबूत करने के लिए ऐसी नीति की आवश्यकता पर लगातार जोर देता आ रहा है !


श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि ऐसा लगता है की नीति में मूल रूप से रिटेल व्यापार के मुख्य विषय खुदरा व्यापार के आत्मनिर्भर विकास एवं  खुदरा व्यापार के उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिए कई लाइसेंस के बजाय एक लाइसेंस, छोटे व्यापारियों के लिए वित्त की आसान पहुंच, डिजिटलाइजेशन के लिए समर्थन नीतियां, व्यापार के मौजूदा व्यापार प्रारूप को मजबूत करना, सरकार के कानूनों और नियमों की अनुपालना, एसएमई द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर, कर संरचना का सरलीकरण, व्यापारियों द्वारा प्रबंधित आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए कदम, व्यापारियों द्वारा संचालित की जाने वाली परेशानी मुक्त व्यावसायिक गतिविधियां, इंस्पेक्टर राज का उन्मूलन, डिजिटल भुगतानों को अपनाने और स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहन नीतियां, एक व्यापारी हेल्पलाइन, व्यावसायिक गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों के साथ जिला स्तरीय समितियां के गठन आदि के शामिल होने की सम्भावना है जिससे देश का रिटेल व्यापार पूरी तरह आत्मनिर्भर हो सके !


श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने कहा कि खुदरा नीति कुछ मापदंडों और तौर.तरीकों की स्थापना के लिए गेम चेंजर साबित होगीए जिसके तहत देश में खुदरा व्यापार संचालित होगा। उन्होंने आगे कहा कि देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी घरेलू व्यापार का हिस्सा हैं और राष्ट्रीय खजाने में शानदार योगदान दे रहे हैं। खुदरा क्षेत्र ने अब तक स्वयं को प्रबंधित किया है और यदि इस क्षेत्र को एक नीति दी जाती हैए तो इसमें अभूतपूर्व वृद्धि होगी। रिटेल सेक्टर में मुख्य रूप से चार वर्टिकल स्मॉल रिटेलए कॉर्पोरेट रिटेलए ई कॉमर्स और डायरेक्ट सेलिंग हैं। नीति इन चार खम्बों के बीच एक पुल होगी और इससे व्यापक विकास होगा और एसएमई क्षेत्र द्वारा निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा जो देश में व्यापार संतुलन के लिए एक बड़ा लाभ होगा।