श्री ननकाना साहिब से आज सजेगा पहला अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन

नई दिल्ली।  भारत की आजादी के 72 वर्ष बाद पहली बार सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 550 साला प्रकाश पर्व को समर्पित पहला अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन श्री ननकाना साहिब की पाक पवित्र धरती से कल 1 अगस्त को सुबह 10 बजे आरंभ होगा और 1.30 बजे के करीब यह नगर कीर्तन अटारी र्बाडर पार करके भारत में प्रवेश करेगा। यह बात दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिन्द्र सिंह सिरसा ने कही।


श्री सिरसा ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी बेहद सुंदर पालकी में सुशोभित होंगे और इस नगरकीर्तन का नजारा देखते ही बनेगा। उन्होंने कहा कि इस अलौकिक दृश्य की खूबसूरती शब्दों में बयान करनी मुश्किल है क्योंकि सिखों की 72 वर्ष पुरानी इच्छा को उस परमात्मा की कृपा से पूरी हुई है जब पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान से दुनियां का पहला अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन सजाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर कीर्तन सारे संसार में बसते नानक नाम लेवा लोगों को शांति और सदभावना के साथ साथ परमात्मा का नाम सिमरन करने, मिल बांट कर खाने तथा आपसी भाईचारा बनाए रखने का संदेश देगा। श्री सिरसा ने कहा कि अकाल पुरख की रहमत से इतिहास रचाा गया है जब श्री अकाल तख्त साहिब की छत्र छाया में कौम की सारे संगठन एकजुट होकर नगर कीर्तन की सेवा करके आगे आई हैं। उन्होंने कहा कि इन संगठनों में शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, तख्त श्री पटना साहिब मैनेजमेंट कमेटी, तख्त श्री हजूर साहिब मैनेजमेंट कमेटी, निहंग सिंह जत्थेबंदीयां, बाबा बलबीर सिंह तथा अन्य सिख संगठनों ने ऐसी एकता दिखाई है जिससे कौम को बड़ा संदेश मिला है।


श्री सिरसा  ने बताया कि इस अलौकिक तथा अदभुद नगर कीर्तन के भारत प्रवेश के समय पलकें बिछा कर स्वागत करने के लिए अकाली दल के अध्यक्ष  सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मेंत्री श्रीमति हरसिमरत कौर बादल तथा पंजाब व देश की बड़ी हस्तीयां सरहद पर मौजूद रहेंगी। उन्होंने बताया कि भारत प्रवेश के उपरंत श्री गुरु ग्रन्थ  साहिब जी यहां से नई पालकी में सुशोभित होंगे। उन्होंने बताया कि पंथक संगठनों ने इस अंतर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन के देश भर में स्वागत के लिए भव्य इंतजाम किए हैं और नगर कीर्तन को लेकर संगत में बहुत उत्साह व उमंग है। उन्होंने कहा कि नगर कीर्तन के अलौकिक नजारे व दर्शन के साथ ही संगत खुद महसूस करेगी कि उसने श्री गुरु नानक देव जी के जन्म स्थान के दर्शन कर लिए हैं।