सुखबीर सिंह बादल ने चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाने का मामला संसद में उठाया

दिल्ली। शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज संसद में चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाने तथा केंद्रीय शासित प्रदेश का सारी आय तथा बाकी संसाधन  पंजाब को सौंपे जाने के अलावा राज्य के जल संसाधनों के उपयोग के लिए पंजाब को राॅयल्टी दिए जाने का मामला पूरे जोर शोर से उठाया।


संसद में केंद्रीय बजट पर बोलते हुए एक सशक्त भाषण के दौरान अकाली दल के अध्यक्ष तथा फिरोजपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने कहा कि न सिर्फ केंद्र द्वारा चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाने का वादा अभी तक अधूरा पड़ा है, बल्कि चंडीगढ़ द्वारा एकत्र राजस्व तथा बाकी संसाधन से भी पंजाब को पृथक रखा गया है। यह कहते हुए कि राज्य की राजधानी द्वारा एकत्र किए जाते राजस्व की राशि बहुत बड़ी होती है, सरदार बादल ने कहा कि मुंबई की और देखो, यह महाराष्ट्र के लिए इतना राजस्व जुटा रही है कि इसकी गैरहाजिरी में यह राज्य बेहद गंभीर वित्तीय संकट का शिकार हो जाएगा।


अकाली दल अध्यक्ष ने यह भी आग्रह किया कि राजस्थान को पंजाब का पानी इस्तेमाल करने के लिए राॅयल्टी देनी चाहिए। उन्होने कहा कि स्वतंत्रता से लेकर अब तक पंजाब देश का पेट भरता आ रहा है। जिससे राज्य में पानी का संकट पैदा हो गया है तथा अब स्थिति यह हो गई है कि पंजाब के पानी के ब्लाॅकों से राजस्थान से भी ज्यादा पानी निकाला जा रहा है। उन्होने बताया कि पंजाब में 80 फीसदी पानी के ब्लाॅकों में से आवश्यकता से ज्यादा पानी निकाला जा चुका है जबकि राजस्थान में 71 फीसदी पानी के ब्लाॅकों से अतिरिक्त पानी निकाला गया है।


यह टिप्पणी करते हुए कि पंजाब की पानी पर रायॅल्टी की मांग जायज है, सरदार बादल ने कहा कि पिछले 10 सालों के दौरान 6 छह कमजोर मानसूनों के बावजूद पंजाब के किसानों ने गेंहू तथा धान का उत्पादन बढ़ाया है। उन्होने कहा कि पर इसकी राज्य को भारी कीमत चुकानी पड़ी है, क्योंकि पानी के संसाधन बिल्कूल ही समाप्त हो चले हैं। उन्होने कहा कि इस संसाधन को भी कोयले, लोहे तथा गैस जितना ही महत्व दिया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि अब अवसर है कि देश, पंजाब की सहायता करे तथा अपील की कि पंजाब को अपने नहरी सिस्टम को आधुनिक बनाने, भूमिगत पानी का कायाकल्प करने, गेंहू- धान के फसली चक्र से बचाने के लिए दूसरी फसलों के कम से कम समर्थन मूल्य को यकीनी बनाने के लिए विशेष फंड जारी किए जाएं।


सीमावर्ती इलाकों वाले किसानों, जिनकी जमीनें पाकिस्तान सीमा से लगते इलाके 'मैनज लैंड' में पड़ती हैं, की समस्याओं के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि 17 हजार एकड़ की खेती करने वाले इन किसानों को अपनी फसलों की देखभाल करने यां गेंहू, सरसों,चना, तथा सब्जियों को पानी देने तक की स्वतंत्रता नही है। उन्होने कहा कि यह जमीन केंद्र सरकार द्वारा अधिग्रहण की जानी चाहिए यां इसका किसानों को 20 हजार रूपए प्रति एकड़ सालाना मुआवजा दिया जाना चाहिए।


एक बेहद भावुक भाषण देते हुए सरदार बादल ने पंजाब को टैक्स हाॅलिडे दिए जाने का मामला बड़े ही प्रभावशाली ढंग से उठाया तथा सदन को  अवगत करवाया कि पंजाब दो दशक तक राज्य में उद्योग के पड़ोसी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उतराखंड की और पलायन का संताप झेल रहा है, क्योंकि इन राज्यों में उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए टैक्स हाॅलिडे की सुविधा दी गई थी। उन्होने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य होने के कारण तथा बंदरगाहों से दूरी होने के कारण इंडस्ट्री की कमी झेल रहे पंजाब में उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए टैक्स हाॅलिडे की सुविधा दी जानी चाहिए ताकि यहां जरूरी निवेश हो सके।


अकाली दल अध्यक्ष ने वितमंत्रालय निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए केंद्रीय बजट को बोल्ड, क्रांतिकारी तथा भविष्यवादी दस्तावेज करार देते हुए कहा कि इस बजट ने सभी सैक्टरों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं को ध्यान में रखा है तथा बड़ी उपलब्धि के लिए बड़ा इरादा रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी सोच को साकार किया है।