अकाली दल मजबूत तथा संघीय भारत के पक्ष में हैः सुखबीर सिंह बादल

चंडीगढ़ ।शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज अपनी पार्टी की 'राज्यों को ज्यादा ताकत देने वाले एक मजबूत तथा संघीय भारत' के लिए वचनबद्धता को दोहराया है ताकि सभी राज्य अपने लोगों की अद्वितीय आवश्यकताओं तथा योग्यता के अनुसार तरक्की तथा विकास कर सकें। उन्होने कहा कि हमें विश्वास है कि मजबूत राज्यों से देश मजबूत होता है। पर हम यह ताकत किसी एक यां दो राज्यों के लिए नही, बल्कि सभी के लिए चाहते हैं। कुछ राज्यों को ताकतें देना बेहद भेदभावपूर्ण है।


उन्होने कहा कि पार्टी चाहती है कि हर राज्य में अल्पसंख्यकों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वह भय तथा अविश्वास भरे माहौल से दूर एक खुशहाली भरा जीवन व्यतीत कर सकें। उन्होेने कहा कि अकाली दल हर राज्य में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए इंतजाम किए जाने के पक्ष में है। उन्होने अफसोस प्रकट किया कि जिन सिखों को आतंकवाद के कारण घाटी छोड़नी पड़ी थी, उनके लिए हमारे द्वारा किए अनथक प्रयासों के बावजूद उन्हे कभी भी उचित मुआवजा तथा राहत प्राप्त नही हुई।


अकाली दल के अध्यक्ष ने आगे कहा कि उनकी पार्टी किसी भी राज्य को नई रियायतें देने के हक में नही है, जिस तरह कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 तथा दूसरे राज्यों के लिए ऐसे प्रबंध रखे गए हैं। उन्होने कहा कि पंजाब में हर भारतीय जमीन खरीद सकता है, व्यापार कर सकता है तथा औद्योगिक इकाई लगा सकता है। पर हम यह सब हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा कुछ अन्य राज्यों में नही कर सकते। यह एक ही देश मेें सभी को समान अवसर वाला माहौल देने से इंकार करना है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।


उन्होने कहा कि कितने दुख की बात है कि जब अकाली दल ने जम्मू-कश्मीर में उस समय की सरकार से आनंद मैरिज एक्ट लागू करने का अनुरोध किया था तो उन्होने इंकार कर दिया था। उन्होने कहा कि मुझे आशा है कि अब घाटी में आनंद मैरिज एक्ट लागू हो जाएगा।


संविधान की विवादग्रस्त धारा 370 तथा 35ए को समाप्त करने वाले जम्मू-कश्मीर बिल की प्रशंसा करते हुए सरदार बादल ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में बिना किसी भेदभाव के सभी को बराबर अधिकार तथा अवसर दिए जाने के पक्ष में है। उन्होने कहा कि आर्थिक, भौगोलिक तथा धार्मिक क्षेत्रों में भेदभाव तथा अन्याय के कारण पंजाब को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होने कहा कि पंजाबियों खासतौर पर सिखों ने शिरोमणी अकाली दल के नेतृत्व में इस देश की स्वतंत्रता, एकता तथा अखंडता के लिए बड़े बलिदान दिए हैं। 1947 से पहले ब्रिटिश सरकार ने पंजाब के तीन भाग-हिंदूओं के लिए, मुसलमानों के लिए तथा सिखों के लिए करने का प्रस्ताव रखा था। पर सिखों ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया तथा फैसला किया कि भारत हमारी मातृभूमि है तथा हमें अपनी देशभक्ति पर गर्व है।


सरदार बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का उन सभी कदमों के लिए धन्यवाद किया, जिनके कारण 1984 कत्लेआम के पीड़ितों को आखिरकार इंसाफ मिलना शुरू हो गया है। उन्होने कहा कि इस कत्लेआम का आदेश उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिया था, जिसने यह कहते हुए इस कत्लेआम को सही ठहराया था कि जब कोई बड़ा वृक्ष गिरता है तो धरती कांपती ही है।उन्होने कहा कि इस कत्लेआम के कातिलों का सजा दिलाने में 34 साल लग गए। यह प्रक्रिया अभी सिर्फ शुरू हुई है।


पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को इसकी राजधानी चंडीगढ़ तथा पंजाबी बोली वाले इलाके न मिलने के कारण हर पंजाबी खुद को दुखी तथा  अलग थलग महसुस करता है। इसी तरह राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित रिपेरीयन सिद्धांत की उल्लंघना के कारण पंजाब  से इसकी नदियों का 80 प्रतिशत पानी लूट लिया गया है। राज्य के किसानों को उनके पानी के हक से वंचित करने से उनका हजारों करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है। इसी तरह राज्य में कोई बड़ी केंद्रीय औद्योगिक न लगाकर हमारे साथ भारी भेदभाव किया जा रहा है। इन सभी अन्यायों को खत्म करने की आवश्यकता है तथा इन भेदभावों के कारण हुए नुकसान के लिए पंजाबियों को मुआवजा देने की जरूरत है।