दक्षिण भारत मे हिंदी का महत्व पर संगोष्ठी
लखनऊ । भारत उत्थान न्यास के तत्वावधान में  *दक्षिण भारत में हिन्दी* विषय पर संगोष्ठी का आयोजन एस. आर. ग्रुप आफ इंटट्यूशन, सीतापुर रोड, लखनऊ के सभागार में किया गया ! संगोष्ठी की  मुख्य वक्ता- भारत उत्थान न्यास, पाण्डिचेरी की अध्यक्षा,  स्वर्ण ज्योति ने दक्षिण भारत में हिन्दी की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया की वहां का जनमानस अब हिन्दी के बारे में रूचि लेने लगा है। आवश्यकता है हिन्दी भाषियों को उनके बीच जाकर हिन्दी और वहां की भाषाओं के बीच समन्वय स्थापित करने की तथा वहां की भाषाओं में उपलब्ध साहित्य का हिन्दी में अनुवाद के माध्यम से भी आपसी रिश्ते और मजबूत होंगे। निश्चित ही आने वाला समय हिन्दी का है।

  संगोष्ठी के मुख्य अतिथि  सुजीत कुंतल, राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत उत्थान न्यास ने अपने उदबोधन में हिन्दी के इतिहास और उसके वैज्ञानिक पक्ष को प्रतिभागियों के मध्य रखा जिससे उनको हिन्दी व्याकरण से संबंधित नयी जानकारी प्राप्त हुई  सुजीत कुंतल ने स्पष्ट किया की हिन्दी भाषा का  अन्य भारतीय भाषाओं से तुलनात्मक अध्ययन अभी तक ठीक प्रकार से न होने के कारण हिन्दी भाषियों को अन्य भारतीय भाषाएं सीखने में कठिनाई होती है। जबकि अन्य  भाषा भाषी लोग आसानी से अन्य भारतीय भाषाएं सीख लेते हैं। आज समय की सबसे बडी आवश्यकता है कि भारत के अधिकांश व्यवसायिक पाठ्यक्रम भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो जिससे सहजता से शिक्षा को ग्रहण किया जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एस. आर. ग्रुप आफ इंटट्यूशन के चेयरमैन  पवन सिंह चौहान ने भारत उत्थान न्यास द्वारा किये जा रहे कार्य की सराहना करते हुए  कहा कि हमारा संस्थान सदैव न्यास के सभी शैक्षणिक प्रयोगों में उनके साथ है। संगोष्ठी में अन्य प्रमुख वक्ताओं में डॉ. सीता शुक्ला, कानपुर डॉ. शैल वर्मा, शिकोहाबाद, शरद सक्सेना, कानपुर उपस्थित रहे संगोष्ठी का संचालन डॉ. कृष्णकांत मिश्रा, लखनऊ ने किया तथा धन्यवाद प्रस्तुत डॉ. सरिता राय, गोरखपुर ने किया ।