दोरी मिली आजादी

                 दोरी मिली आजादी



आजादी पावण री् लगन लागी जवानां मैं
प्राण हथेली पर लेके् कूद पड्या जंग लड़बा नै।
क ई खोया प्राण आपरा क ई गया मांया रा  लाल।
आखर जीवंत हुई उण री .पाई आजादी खुसहाल।
पन्द्रह अगस्त सैंतालिस याद करावै कुरबानी यानै।
दोरी मिली आजादी री राखो परी चाह जवानां मैं।
आई अनेक विदेसी जात्या आई आई चली गई।
तोप और तलवार रै बल छीन सक्यां न आजादी नै।
बस अक है अरमान म्हारो आजादी रै लागै न ठेस।
विकसित हो देश  म्हारो जगत गुरु बणै ओजूं देश ।



मंगल व्यास भारती


गढ़ के पास , चूरू राजस्थान