श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में आग लगने की घटनाओं की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन दिल्ली सरकार इस ओर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। केजरीवाल सरकार की नींद घटना घट जाने के बाद ही खुलती है। फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट आग की घटना घटने के बाद ही हरकत में आता है। दिल्ली फायर डिपार्टमेंट की ओर से कोई भी जागरूकता का कार्यक्रम नहीं किया जाता और न ही औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की जांच की जाती है, जिसका नतीजा है कि दिल्ली में बार-बार आग लगने की घटनायें घट रही हैं और लोगों को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
श्री तिवारी ने कहा कि आग लगने की घटनायें कोई नई नहीं हैं हर बार लगातार हो रही दुर्घटनाओं से भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कोई सबक नहीं ले रहे हैं। इस साल आग लगने की घटनाओं का रिकार्ड बन गया है, लेकिन मुख्यमंत्री कुम्भकरणीय नींद से जागने को तैयार नहीं है। दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुख्यमंत्री का कर्तव्य है, लेकिन केजरीवाल आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए कोई भी उचित कदम उठाते नहीं दिख रहे हैं। साल 2019 में आग लगने से जान और माल दोनों का नुकसान हुआ है। 3 जनवरी, 2019 में मोती नगर के सुदर्शन पार्क इलाके की एक फैक्ट्री में आग लगने से 6 लोगों की मौत, 12 फरवरी, 2019 को करोल बाग के अर्पित होटल में आग लगने से 17 लोगों की दर्दनाक मौत, 6 मार्च, 2019 सीजीओ कॉम्प्लेक्स की एक इमारत में आग में सीआईएसएफ के 1 सब-इंस्पेक्टर की मौत हुई।
श्री तिवारी ने बताया कि 29 अप्रैल, 2019 नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया की केमिकल फैक्ट्री में आग में 2 दमकल कर्मचारी जख्मी, 26 जून, 2019 को नरेला में घर के अंदर लगी आग की चपेट में आकर 2 बच्चों समेत 7 लोग झुलस गये, 13 जुलाई, 2019 में झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्री में आग लगने के कारण तीन लोगों की मौत, 25 जुलाई, 2019 को नांगलाई में सिलिंडर से गैस लीक होने से आग लगी जिसमें 9 महिलाओं समेत 11 लोग जख्मी हुये। केजरीवाल को संवदेनशील होकर दिल्ली की जनता के मानवीय पहलुओं व सुरक्षा को राजनीति से ऊपर उठकर ध्यान में रखना चाहिये।
श्री तिवारी ने कहा कि विपत्ति की इस घड़ी में शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें। ऐसी घटनायें दोबारा न हों इसके लिये सभी विभागों की सामूहिक बैठक होनी चाहिये, जिसमें ऐसी घटनाओं के कारणों का बारीकी से अध्ययन किया जाना चाहिये और उसके निवारण के लिये ठोस उपाय किये जाने चाहिये। यहां दिल्ली सरकार ने राजनीति से ऊपर उठकर ऐसा निर्णय लेना चाहिये जो मानवता के लिये हितकारी हो।