डॉ० अशोक ''गुलशन'' की लगभग साढे तीन हजार रचनाएँ विदेश सहित भारत के हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश, केरल, गुजरात, बंगाल, आसाम, पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) , गोवा, छत्तीसगढ़ ,उत्तराखण्ड, झारखण्ड, तमिलनाडु, एवं उ०प्र० के 56 जनपदों से प्रकाशित 1130 प्रकार के समाचार पत्रों/ पत्रिकाओं/ संकलनों यथा नया ज्ञानोदय, हंस, उत्तर प्रदेश , गगनांचल, साहित्य भारती , साक्षात्कार , नवनीत ,पंजाब सौरभ , मंगलदीप, सन्डे नई दुनिया, अपरिहार्य, गीतकार, मेनका, रूप की शोभा, आजकल, भारत एशियाई साहित्य, फैमिली डाइजेस्ट आँचल, चित्रलेखा, महकता आँचल ,ग़ज़ल दुष्यन्त के बाद (भाग-1 एवं 2), जाह्नवी ,शुक्रवार, समकालीन दोहा कोष, मधुमती ,दैनिक जागरण, जनमोर्चा , योजना, लोकमत समाचार, गोलकोंडा दर्पण, प्रतिदिन, सर्व सृजन, राष्ट्र चिन्ह ,ब्रह्म लेखनी , 7 डेज नागरिक, अवध जागरण आदि में प्रकाशित हो चुकी हैं। इनके द्वारा लिखी मौनी चालीसा को मुंबई की प्रख्यात गायिका पद्मश्री डॉ० सोमा घोष ने स्वर दिया है तथा लेखक की ग़ज़लों को आकाशवाणी लखनऊ के गायक/गायिकाओं ने गाया है|
लखनऊ वि0 वि0 द्वारा ''डा0 अशोक 'गुलशन' का हिन्दी साहित्य में योगदान'' विषय पर एक शोध छात्रा द्वारा एम0 फिल0 की गयी है तथा बुंदेलखण्ड वि0 वि0 के पीएच्0डी0 की उपाधि हेतु वर्ष -2011में प्रस्तुत शोध प्रबन्ध में इनकी छोटी बहर की ग़ज़ल सम्मिलित की गयी है। शायरी 4 यू -एस0एम0एस0 गपशप में लेखक की रचनाओं का प्रसारण होता रहता है । आकाशवाणी लखनऊ , जनसंदेश टी0वी0 तथा नेपालगंज के एफ0 एम0 चैनलों पर भी इनकी रचनाओं का प्रसारण हुआ है| लेखक ने शताधिक पुस्तकों की समीक्षा लिखी है तथा लगभग आठ सौ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवॅ मुशायरों में काव्यपाठ किया है|
इन्हें अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय,प्रान्तीय और क्षेत्रीय स्तर पर थाईलैंड, भूटान, नेपाल सहित भारत के 15 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से अब तक 370 सम्मान ,पुरस्कार,उपाधियाँ, अलंकरण ,अभिनन्दन एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त हैं| जिनमें कुल पुरस्कार -10, अलंकरण—07, उपाधियाँ -62, सम्मानों की संख्या-210 तथा अभिनन्दन एवं प्रशस्ति पत्रों की संख्या-81 है | अमेरिका, इंग्लैंड तथा मलेशिया से भी इन्हें सम्मानित किये जाने हेतु कई पत्र प्राप्त हुए हैं इसके अतिरिक्त लन्दन, इंडोनेशिया, थाईलैंड ,भूटान ,नेपाल सम्मानित हुए हैं जिनमें अन्तर्राष्ट्रीय जुनूं अवार्ड, डॉ० अम्बेडकर भारत भारती रत्न राष्ट्रीय सम्मानोपाधि, डॉ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रीय साहित्य रत्न सम्मान, सुर साधना राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रीय हिन्दी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान, राष्ट्रीय काव्यकृति सम्मान , काव्य विभूति राष्ट्रीय सम्मानोपाधि, काव्य कौस्तुभ राष्ट्रीय सम्मानोपाधि, अमृत लाल नागर पुरस्कार (उ०प्र० के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन द्वारा प्रदत्त) ,राष्ट्र भाषा रत्न उपाधि , राष्ट्र भाषा गौरव, जनकवि उपाधि, भारत गौरव उपाधि, विश्व हिन्दी साहित्य सेवा अलंकरण सम्मान, कवि सम्राट सम्मानोपाधि , काव्य महारथी , विद्या वाचस्पति, विद्या सागर, काव्य भूषण, आचार्य उपाधि, दुष्यंत कुमार सम्मान , साहित्य वाचस्पति , रामधारी सिंह दिनकर स्मृति सम्मान , विश्व कवि सांसद उपाधि, साहित्य महोपाध्याय , साहित्य मार्तण्ड , भारतीय भाषा रत्न सम्मान , भाषा सम्राट सम्मान प्रमुख हैं |
भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों डॉ0 अशोक 'गुलशन ' को 8 बार पद्मश्री पुरस्कार हेतु नामांकित हैं तथा काव्य लेखन एवं सम्मान के क्षेत्र में इन्होंने 18 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये हैं ।