सीवर मैनहोल में अब नहीं होंगे हादसे, जल निगम ने तैयार किया ब्लू प्रिंट
गाजियाबाद। जनपद में इस बार एक ऐसा ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है कि किसी भी विभाग में इस तरह का हादसा नहीं होगा और गरीब लोगों की जान नहीं जाएगी। इसके लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है। यह ब्लू प्रिंट जल निगम, प्रशासन की मदद से तैयार करेगा, जिसमें वर्किंग के हिसाब से सेफ्टी नॉम्स होंगे और केवल प्रशिक्षित मजदूरों को ही वर्किंग में लिये जाने का नियम बनाया जाएगा। अभी तक ऐसी कोई भी रणनीति नहीं है जिस पर जल निगम काम करता हो। 


 

दरअसल, जल निगम किसी भी काम का ठेका प्राइवेट कंपनी को जारी कर देता है। प्राइवेट कंपनी खुद एक्सपर्ट होती हैं, लेकिन वह सस्ते मजदूरों के चक्कर में बिना प्रशिक्षित मजदूरों को ही काम पर लगा देती है। हालांकि इसके लिए एक गाइडलाइन भी है। कई खतरनाक कामों के लिए आप बिना प्रशिक्षण दिये मजदूरों को डायरेक्ट काम पर नहीं लगा सकते। लेकिन अभी देखने में आया है कि हाल ही में 13 महीनों के अंदर जो दो बड़े हादसे हुए है, जिनमें आठ लोगों की जान गई है, उन दोनों ही हादसों में यह बात सामने आई कि जो मजदूर हादसे के शिकार हुए, वह प्रशिक्षित नहीं थे। क्योंकि अगर प्रशिक्षित होते तो चेंबर का ढक्कन खोलकर पहले उसमें से गैस निकलने देते और फिर गैस की जांच करने के बाद ही वह चेंबर में उतरते।

 

देखने में आया है कि प्राइवेट कंपनियां सस्ते मजदूरों के चक्कर में गैर प्रशिक्षित लोगों को काम पर लगा देती हैं। जल निगम की लापरवाही यह होती है कि वह मौके पर सुपरविजन भी नहीं कर पाते। हाल ही में हुई दोनों घटनाओं में ऐसा ही मामला सामने आया है। इस तरह के हादसों को रोकने के लिए अब जल निगम नई पॉलिसी बनाने जा रहा है। यह पॉलिसी कुछ इस तरह से होगी कि किन मजदूरों को ठेकेदार द्वारा काम पर लिया गया, उनकी पूरी डिटेल ली जाएगी। गैर प्रशिक्षित मजदूरों को काम पर नहीं लिया जाएगा। वर्क के दौरान सुपरविजन करने के लिए कोई एक इंजीनियर मौके पर उपस्थित होगा। नियम बनाने के लिए एक वर्किंग का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा ताकि आगे से हादसे न हों।