सूरजमल स्मारक शिक्षा संस्था द्वारा आयोजित 10वां राम निवास मिर्धा मेमोरियल लेक्चर आयोजित

दिल्ली।  सूरजमल स्मारक शिक्षा संस्था ने 10वें राम निवास मिर्धा मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया। प्रो. देवी सिंह, पूर्व कुलपति-फ्लेम यूनिवर्सिटी पुणे और निदेशक प्प्ड लखनऊ को “नई युग की अर्थव्यवस्था के लिए नेतृत्व“ विषय पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सूरजमल स्मारक शिक्षा संस्था के अध्यक्ष श्री कप्तान सिंह, सचिव श्री अजीत सिंह चैधरी, आयोजन समिति के अध्यक्ष रमेश चैधरी, श्रीमती ईशा जाखड़, राजपाल सोलंकी और डाॅ एस. एस. सोलंकी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 


संस्था अध्यक्ष  कप्तान सिंह ने कहा कि लगभग छः दशकों के राजनीतिक कैरियर में, स्वर्गीय मिर्धा जी ने अपने गृह राज्य राजस्थान के साथ-साथ देश के लिए भी बहुत गौरव के साथ काम किया। सूरजमल स्मारक शिक्षा संस्था को आकार देने में उनका महत्वपूर्ण योगदान हर किसी के दिल में हमेशा के लिए बना रहेगा, क्योंकि उनके पदचिन्हों पर चलकर संस्था निरन्तर आगे बढ रही है। उनका दृढ़ विश्वास था कि ज्ञान का अधिग्रहण सामाजिक प्रगति में हर कदम का एक आवश्यक अग्रदूत है।


प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि मिर्धाजी ने एक प्रगतिशील दृष्टिकोण और इस संस्थान के निर्माण के लिए सकारात्मक कदमों को अपनाने के लिए सभी में से एक हिचकते रूढ़िवाद या लासेज़-फ़ेयर के दृष्टिकोण में एक पूर्ण परिवर्तन किया।


प्रो. देवी सिंह ने अपने व्याख्यान के माध्यम से नेतृत्व के संदर्भ में आर्थिक सिद्धांत और नीति दोनों पर विस्तार से चर्चा की। व्याख्यान से ऐसा प्रतीत होता है कि असमान दुनिया के बीच परस्पर संबंध को संबोधित किया जाये-अमूर्त आर्थिक विश्लेषण की दुनिया, नीति और राजनीति की दुनिया और इसके समग्र प्रभाव पर चर्चा की आवश्यकता है। भारत आज एक प्रमुख आर्थिक टेक ऑफ की स्थिति में है। इस पल पर नियन्त्रण करना हमारे ऊपर निर्भर है।


संस्था सचिव अजीत सिंह ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में उपस्थित सदस्यों का अपना समय देने के लिए सभी का उदारतापूर्वक आभार व्यक्त किया और समाज के उत्थान के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता को दोहराया।