यूनियन बैंक ने बैंकिंग सहभागिता पर देशभर में विचार प्रक्रिया शुरू की


जयपुर। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक दिनेश कुमार गर्ग ने कहा है देश को पांच साल में पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यूनियन बैंक ने ग्रास रूट लेवल पर  तेजी से विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू करदी है।
 राजस्थान के दौरे पर आये गर्ग ने शनिवार को जयपुर में बताया की इस प्रक्रिया से मिले सुझावों का उपयोग बैंकिंग सेक्टर के भावी विकास के लिए रोडमैप बनाने में किया जाएगा। इसके तहत पहले शाखा या क्षेत्रीय स्तर, फिर राज्य स्तर और आखिर में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होगी। चर्चा का मकसद बैंकिंग सेक्टर को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ना, आईडिया निकालना और शाखा स्तर तक के बैंकों में सहभागिता की भावना पैदा करना है। इस अभियान में बैंकों को क्षेत्रीय विकास की संभावनाओं से भी जोड़ा जाएगा।  बैंक और ग्राहकों के मध्य मजबूत संबंधों के विकास और विकास में सहभागिता के  तहत बैंकों को ग्राहकों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाने, चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाने और साइबर सुरक्षा और डाटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में बैंकों को और अधिक तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।
कार्यपालक निदेशक ने अपने दो दिवसीय दौरे में जयपुर रीजन के शाखा प्रबंधकों की बैठक ली और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ बैंकिंग को जोड़ने पर सामूहिक विचार मंथन किया। उन्होंने बताया की शाखा प्रबंधकों के साथ हुई बैठक में वे जमीनी सचाईयों से रूबरू हुए है जिनके फीडबैक पर  उच्च स्तर पर विचार होगा। विचार मंथन में किसानों की आय दुगुना करने की और सार्थक पहल करने , छोटे कारोबारियों और कमजोर वर्गों , महिलाओं को पीसीबी 59 और मुद्रा योजना के तहत  सरकार की मंशा के अनुरूप कर्ज सहायता सुलभ कराने  पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया की देश की अर्थ-व्यवस्था में बैंकिंग व्यवस्था का अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान है । बैंक मुद्रा-बाजार  के सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग के रूप में देश के आर्थिक-विकास का महत्वपूर्ण करक है। पूँजी निर्माण, व्यापार, उद्योग एवं कृषि के अर्थ-प्रबन्धन तथा देश की आर्थिक, सामाजिक नीतियों एवं कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में बैंकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है । मुद्रा एवं साख व्यवस्था की केन्द्रीय धुरी  के रूप में अर्थ-व्यवस्था का कोई भी ऐसा अंग नहीं है, जो बैंकों से प्रभावित न होता हो । विकास कार्यक्रमों में बैंक की बढती हुई भागीदारी ने 'विकास बैंकिंग' नामक नई विधा की जन्म दिया है ।
 बैठक में क्षेत्रीय प्रमुख मनोज कुमार ने केंद्र प्रवर्तित विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं जैसे पीसीबी 59, मुद्रा योजना, पीएमजेजेबीवाई पीएमएसबीवाई, पीएमजेडीवाई और ओवर ड्राफ्ट जैसी लोकप्रिय योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने की अपील की। उन्होंने बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की जानकारी भी ग्राहकों तक पहुँचाने को कहा।  मनोज कुमार ने बताया की यूनियन बैंक की राजस्थान में 140 शाखाएं है जिनमें जयपुर रीजन में 78 शाखा शामिल है। जयपुर क्षेत्र में कृषि और सम्बद्ध  गतिविधियों में 92500 लाख रूपये तथा मुद्रा योजना में 11525 लाख का ऋण वितरित किया गया है। बैंक ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में सोशल इंफ्रास्ट्रक्टर के तहत 1500 लाख रूपये का कर्ज सुलभ कराया।