16 साल की नाबालिग लड़की के केस को तुरंत हल करवायें इमरान खानः मनजिंदर सिंह सिरसा

              इंग्लैंड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में हर साल 1000 लड़कियां अगवा करने का हुआ खुलासा


नई दिल्ली।   दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपील की है कि सिंध से अगवा की गई 16 साल की लड़की को वापिस उसके माता-पिता के पास सपुर्द करने के लिए तुरंत कार्रवाई करते हुए जरूरी कदम उठाये जाएं।


                यहां जारी एक वीडियो संदेश में सिरसा ने कहा कि 16 साल की लड़की पायल ठाकुर को जुम्मे वाले दिन 30 अगस्त को अगवा किया गया और अब तक लड़की का कोई पता नहीं लग रहा। इस नाबालिग लड़की के माता-पिता चीख-चीख कर पाकिस्तान सरकार व प्रधानमंत्री इमरान खान को कह रहे हैं कि उनकी बच्ची उन्हें वापिस की जाये। उन्होंने कहा कि जुल्म इतना जयादा बढ़ गया है कि इस बारे में पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने को भी तैयार नहीं थी पर जब हमने यह मामला अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाया तो कल पुलिस ने एफ.आई.आर दर्ज की है। उन्होंने बताया कि यह चीखें सिर्फ एक माता-पिता की नहीं हैं बल्कि हज़ारों माता-पिता की हैं।


दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दू व सिक्ख बेटियों के साथ जो जुल्म हो रहा है उसकी हद हो चुकी है। वह पिछले कई दिनों से यह मुद्दा उठा रहे हैं और अब तक 43 लड़कियों का मामला वह उठा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो दो ताज़ा मामले उन्होंने उठाये थे जिसमें से एक रेनू कुमारी अपने माता-पिता के पास लौट आई है जबकि दूसरा मामला पायल ठाकुर का है।


स. सिरसा ने कहा कि पिछले दिनों इंग्लैंड की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी की 'सिंध, पाकिस्तान में ज़बरन धर्म परिवर्तन और ज़बरन विवाह' नाम की रिपोर्ट आई जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान में हर साल अल्पसंख्यकों की 1000 लड़कियों को अगवा किया जाता है।धर्म परिवर्तन और फिर अगवा करने वालों के साथ ज़बरन विवहा कर दिया जाता हैं इसमें यह भी बताया गया है कि अल्पसंख्यकों की औसतन 20 से 25 लड़कियां हर मीहने अगवा की जाती हैं और यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है क्योंकि पुलिस इन घटनाओं के प्रति मूक दर्शक बन जाती है। उन्होंने कहा कि 1947 के समय तकरीबन ढाई लाख सिक्ख पाकिस्तान में थे जो अब कुछ हज़ार ही रह गये हैं, यह सिक्ख कहां चले गये चिंता का विषय है।उन्होंने इमरान खान को अपील की कि पायल ठाकुर के माता-पिता की पुकार सुनी जाये और बच्ची वापिस अपने घर पहुंचायी जाये।