प्लास्टिक के अंधाधुंध प्रयोग से मानव जीवन संकट में

(बाल मुकुन्द ओझा)


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर प्लास्टिक पर जोरदार हमला बोला है। मोदी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा में 'स्वच्छता ही सेवा' कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का मकसद समय के साथ गंभीर होती प्लास्टिक की समस्या की तरफ आमजन का ध्यान खींचना है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कचरा प्रबंधन से जुड़ी महिलाओं के साथ खुद कचरा छांटकर लोगों से प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने की सांकेतिक अपील की।  इससे पूर्व मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से अपने भाषण में लोगों को प्लास्टिक के विरुद्ध चेताया था। मोदी ने कहा अब हमें सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा। हमें कोशिश करनी है कि दो अक्टूबर तक अपने दफ्तरों, घरों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें।
पृथ्वी साफ सुथरी हो और मानव सुखपूर्वक पृथ्वी पर अपना जीवन यापन कर सके। पृथ्वी संरक्षित होगी तो मानव जीवन भी सुरक्षित होगा। पृथ्वी को पॉलीथीन के अंधाधुंध प्रयोग से जिस तरह प्रदूषित किया जा रहा है उससे सम्पूर्ण मानव जीवन आहत है। पॉलीथीन के दुष्परिणाम एवं विषैलेपन से आमजन को सतर्क और जागरूक कर हम पर्यावरण की रक्षा करने के साथ साथ  पृथ्वी को हरा भरा बना सकते है। आज वैश्विक स्तर पर प्रतिव्यक्ति प्लास्टिक का उपयोग जहां 18 किलोग्राम है वहीं इसका रिसायक्लिंग मात्र 15.2 प्रतिशत ही है। प्लास्टिक प्रदूषण मानव जीवन के समक्ष एक बड़े खतरे के रूप में उभरा है। प्लास्टिक पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। जब बड़ा प्लास्टिक छोटे टुकड़ों में विभाजित होता है तो छोटे टुकड़े धीरे-धीरे समुद्र पहुंच जाते हैं। इन छोटे प्लास्टिक के टुकड़ों को मछलियां खा जाती हैं। हम मछली खाते हैं और यह प्लास्टिक हमारे शरीर में पहुंच जाता है। इस प्रकार प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है।
मानव द्वारा निर्मित चीजों में प्लास्टिक थैली एक ऐसी वस्तु है जो जमीन से आसमान तक हर जगह मिल जाती है। पर्यटन स्थलों, समुद्री तटो, नदी नालों, खेतों खलिहानों, भूमि के अंदर बाहर सब जगहों पर आज प्लास्टिक के कैरी बैग्स अटे पड़े है। घर में रसोई से लेकर पूजा स्थलों तक हर जगह प्लास्टिक थेलिया रंग बिरंगे रूप में देखने को मिल जाएगी। चावल, दाल, तेल, मसाले, दूध, घी, नमक, चीनी आदि सभी आवश्यकता के सामान आजकल प्लास्टिक-पैक में मिलने लगे हैं। आज प्रत्येक उत्पाद प्लास्टिक की थैलियो में मिलता है जो घर आते आते  कचरे में तब्दील होकर पर्यावरण को हानि पंहुचा रहा है। अरबों प्लास्टिक के बैग हर साल फेंके जाते हैं। चूंकि प्लास्टिक स्वाभाविक रूप से विघटित नहीं होता है इसलिए यह प्रतिकूल तरीके से नदियों, महासागरों आदि के जीवन और पर्यावरण को प्रभावित करता है। जहां कहीं प्लास्टिक पाए जाते हैं वहां पृथ्वी की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है और जमीन के नीचे दबे दाने वाले बीज अंकुरित नहीं होते हैं तो भूमि बंजर हो जाती है। प्लास्टिक नालियों को रोकता है और पॉलीथीन का ढेर वातावरण को प्रदूषित करता है। चूंकि हम बचे खाद्य पदार्थों को पॉलीथीन में लपेट कर फेंकते हैं तो पशु उन्हें ऐसे ही खा लेते हैं जिससे जानवरों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है यहां तक कि उनकी मौत का कारण भी पॉलीथीन है।
प्रधान मंत्री का कहना है सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसायकल किया जाएगा, जो रिसायकल नहीं किया जाएगा उनका इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जाएगा।  मोदी ने कहा कि अब आप अपने घर से बाहर जाएं तो सामान लेने के लिए साथ में झोला लेकर जाएं, सरकारी दफ्तरों में अब प्लास्टिक की बोतलों की बजाय मिट्टी के बर्तनों की व्यवस्था हो।  निश्चय ही मोदी ने देशवाशियों को प्लास्टिक के दुष्परिणामों परिणामों से सचेत किया है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के साथ जनता को आगे आना होगा तभी मिलजुलकर आगे बढ़ पाएंगे।