सोलर मॉड्यूल निर्माता उच्च न्यायालय के शरण में

दिल्ली।उत्तर भारत के सोलर मॉड्यूल निर्माता  एमएसएमइ व  एसइजेड के बीच लागू  कर प्रणाली में असमानता के विरोध में अपने संगठन नार्थ इंडिया  मॉड्यूल मैनुफ़ैक्चर एसोसिएशन ने माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की है।


               नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मलेन में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उक्त जानकारी देते हुए बताया की छोटा से छोटा सोलर मॉड्यूल की इकाई की स्थापना लागतों के देखते हुए कहा जा सकता है कि बिना GST रजिस्ट्रेशन के सम्भव नहीं है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि एसइजेड के अंदर स्थापित सोलर मॉड्यूल को मिलने वाली छूट के कारण हमलोंगो के उत्त्पाद की कीमत ज्यादा होती है और इस कारण पूरे भारतवर्ष में कहीं भी मांग के अभाव में यह उधोग दम तोड़ देगा।एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अर्पित अग्रवाल ने तो इन विसंगतियों को बताते हुए सरकार के *मेक इन इंडिया * पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब छोटे छोटे उधोग ही नहीं बढ़ेंगे तो यह महज नारा ही रह जायेगा वहीं दूसरी ओर अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने कहा कि एसइजेड के अंर्तगत तमाम बड़े उधोगपतियों ने सोलर सेल /मॉड्यूल इकाई की स्थापना किया हुआ है और उन्हें तमाम छूट मिली हुई है। हमारा विरोध उनको मिलने वाली छूट से नहीं अपितु उत्त्पाद के मूल्य निर्धारण में होने वाली परेशानियों से है।


एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने कहा की हमारी मांग तर्क सांगत है आवश्यकता है तो सिर्फ इस  पर सकारात्मक भाव से सरकार या उनके जिम्मेदार अधिकारी एक छोटे परन्तु उधोग के रूप में हमारी भावनाओं को समझे।