मंत्री निशंक ने संतोष जताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के अंतिम पांच वर्षों में उर्दू परिषद को 146 करोड़ का फंड मिला था जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच वर्षों के कार्यकाल में यह बजट 376 करोड़ रुपये का हो गया। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले को बनाए रखते हुए उर्दू पषिद के लिए फंड की कोई कमी नहीं होने देंगे।
इस समीक्षा मीटिंग में मंत्रालय के सचिव, भाषाओं के उप व अवर सचिव और उनके पी एस के अतिरिक्त उर्दू परिषद के सहायक निदेशक प्रशासनिक कमल सिंह और कनिष्ठ प्रशासनिक एवं लेखा अधिकारी मुहम्मद अहमद भी मौजूद थे।