इस सम्मेलन को आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर जी महाराज एवं परम् पूज्य श्री अवधेशानन्द जी गिरि समेत दो दर्जन से ज्यादा बौद्ध देशों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न सत्रों में संबोधित किया।
भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार बोधगया को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनाने, भारत व बौद्ध देशों के बीच की सभ्यता की कड़ी के रूप में विकसित करना चाहती है। राज्य सरकार 145 करोड़ की लागत से 2,500 की क्षमता का ऑडिटोरियम व सांस्कृतिक परिसर बोधगया में निर्माण कर रही है जो बौद्ध सांस्कृतिक केंद के नाम से जाना जाएगा।
उद्धघाटन सत्र को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं 14वें दलाई लामा ने विडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा संबोधित किया। जापान के प्रधान मंत्री का सन्देश भी पढ़ कर सुनाया गया।