गाजीपुर लैंडफिल साइट में कूड़े को पृथकीकृत एवं निस्तांतरित करने हेतु ट्राॅमल-कम-बैलेस्टिक मशीन का उद्घाटन

दिल्ली । सांसद गौतम गंभीर ने आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा स्थापित गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पड़े कूड़े को पृथकीकृत एवं निस्तांतरित करने के लिए ट्राॅमल-कम-बैलेस्टिक मशीन का उद्घाटन किया। इस मौके पर पूर्वी दिल्ली की महापौर अंजू कमलकांत स्थायी समिति के अध्यक्ष  संदीप कपूर नेता सदन निर्मल जैन अपर आयुक्त डाॅ. ब्रजेश सिंह मुख्य अभियंता प्रदीप खंडेलवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।


बता दें कि ट्राॅमल-कम-बैलेस्टिक मशीन में चार भाग है जिनसे लगभग 640 मीट्रिक टन कूड़े को प्रतिदिन निस्तारित किया जायेगा। इस मशीन में लगे बैलेस्टिक सेपरेटर से कूड़े को तीन भागों में अलग किया जायेगा। प्रथम वर्ग में हल्के अपशिष्ट जैसे प्लास्टिक, पाॅलीथीन तथा कपड़े आदि, दूसरे वर्ग में भारी अपशिष्ट जैसे शीशा एवं धातु से बने पदार्थ एवं तीसरे वर्ग में अन्य छोटे पदार्थों को पृथकीकृत किया जायेगा। पृथकीकरण के पश्चात कुछ अपशिष्ट को ऊर्जा निर्माण हेतु एवं कुछ को शास्त्राी पार्क स्थित सी एंड डी प्लांट भेजा जायेगा जिससे ईंटे, टाइल्स् आदि उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जायेगा। इनके अलावा जो अपशिष्ट बचेगा उसे इस नई तकनीक पर आधारित इस मशीन द्वारा अपशिष्ट को निस्तांतरित करके मिट्टी में परिवर्तित किया जायेगा।


सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में स्थित गाजीपुर लैंडफिल साइट पर निरंतर बढ़ता हुआ कूड़े का पहाड़ बहुत गंभीर विषय है जिसके स्थायी समाधान के लिए वे स्वयं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर कार्य कर रहें है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आधुनिक तकनीक पर आधारित यह मशीन इस विकराल समस्या का निश्चित रूप से स्थायी समाधान करेगी। 


महापौर अंजू कमलकांत ने कहा कि  गौतम गंभीर के प्रयासों एवं सहयोग से ही यह संभव हो पाया कि पूर्वी निगम द्वारा गाजीपुर लैंडफिल साइट में निरंतर बढ़ रहे कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए ट्राॅमल-कम-बैलेस्टिक मशीन लगाई गई है जो निश्चित रूप से पूर्वी दिल्ली नगर निगम का एक सकारात्मक प्रयास है। महापौर ने इसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को बधाई दी।


अपर आयुक्त, डाॅ. ब्रजेश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देश के अनुसार करने की दिशा में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह मशीन स्थापित की है। उन्होंने कहा कि यदि यह प्रयाग सफल रहा तो इसी प्रकार और मशीने भी लगाई जायेंगी।