सुबह की शुरुआत प्रिंट मीडिया से होती है

जयपुर। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग राजस्थान के पूर्व संयुक्त निदेशक और वरिष्ठ पत्रकार बाल मुकुंद ओझा ने कहा है  प्रिंट मीडिया का महत्व इस बात से और बढ़ जाता है कि आप छपी हुई बातों को एक अरसे के अंतराल के बाद भी संदर्भ के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।  प्रिंट मीडिया में जहां हर खबर कई चरणों की जांच पड़ताल के बाद ही प्रकाशित की जाती है वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबर का कोई ठौर ठिकाना नहीं रहता। 
ओझा ने यह बात मंगलवार को नेहरू युवा केंद्र, जयपुर की ओर से  निकटवर्ती जामडोली में आयोजित राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक अधिष्ठापन प्रशिक्षण शिविर में प्रिंट मीडिया स्किल्स के दो विभिन्न सत्रों को सम्बोधित करते हुए कही। 
उन्होंने कहा कि हमारा समाज आज भी किसी भी खबर की सच्चाई  जानने, विस्तृत जानकारी प्राप्त करने और जागरूकता बढ़ाने में अखबार का सहारा लेते हैं। समाचार पत्रों में जो समाचार लोग पढ़ते हैं उसकी छाप उनके दिमाग पर रहती है। बदलते समय में जहां सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ा है वहीं प्रिंट मीडिया आज भी सबसे महत्वपूर्ण और विश्वसनीय है। संचार  क्रांति के दौर में सबसे पहले खबर पहुंचाने की प्रतिस्पर्द्धा में कई बार सही खबर लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में जनता को अगले दिन प्रिंट मीडिया में छपी खबर का इंतजार होता है ताकि सच्चाई जान सके। उन्होंने कहा  प्रिंट मीडिया आम से खास लोगों के जीवन का हिस्सा है। इसी से सुबह की शुरुआत होती है। अन्य माध्यमों की अपेक्षा प्रिंट मीडिया में स्थायित्व  और प्रमाणिकता होती है। ओझा ने संभागियों द्वारा प्रिंट और सोशल मीडिया से सम्बंधित विभिन्न प्रश्नों के भी जवाब दिए। 
कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों सहित नेहरू युवा केंद्र, जयपुर के रमेश चंद्र गौतम, प्रशिक्षक पप्पू कुमार शर्मा, कुलदीप वर्मा और राष्ट्रीय युवा अवार्डी  दीपक सैनी भी उपस्थित थे।