39वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में “इज ऑफ डुइंग बिजनेस” के थीम पर सजेगा बिहार पवेलियन

# बिहार के चार प्रमुख शिल्पकला के हैंड पेंटिंग से सजाया जा रहा है बिहार पवेलियन, इसके लिए बिहार से विशेष तौर पर बुलाए गए हैं कलाकार


# मंडप के केंद्र में सात निश्चय वृक्ष के अंदर बिहार के चार मुख्य शिल्प कलाओं का जीवंत प्रदर्शन होगा बिहार पवेलियन का मुख्य आकर्षण


# पवेलियन के अग्रभाग के मुख्य द्वार पर लगाई जाएगी महात्मा गांधी की विशाल प्रतिमा


नई दिल्ली।  दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवम्बर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार मंडप को इस बार आई.टी.पी.ओ. द्वारा इस वर्ष मेले की थीम “इज ऑफ डुइंग बिजनेस ” के अनुरुप नायाब रूप दिया जा रहा है। इस वर्ष प्रगति मैदान के हाल नं 12 में बिहार मंडप लगाया जायेगा। बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बिहार पवेलियन का क्रियान्वयन एजेंसी के रुप में लगातार छठी बार उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान को बिहार पवेलियन के आयोजन एवं सजाने संवारने की जिम्मेवारी दी गई है। । उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा के निर्देशन में इवेंट कंपनी मोड इंटिरियर के गिरिश गुजराल व उनकी टीम बिहार पवेलियन को आकर्षक रूप देने में दिन रात लगे हुए हैं।


उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान के निदेशक ने बताया कि इस बार पूरे बिहार पवेलियन को बिहार के चार प्रमुख शिल्पकला के हैंड पेंटिंग से सजाया जा रहा है। इसके लिए बिहार से विशेष तौर पर कलाकार बुलाए गए हैं।बिहार की पारंपरिक कलाएं जैसे कि मधुबनी पेंटिंग, पिपली आर्ट, मंजूषा कला और सिक्की पेंटिंग अब अन्तराष्ट्रीय पहचान बनती जा रही है। हमने बिहार मंडप के बाहरी भाग को पूरी तरह से इन कलाओं तके माध्यम से सुसज्जित कर रहे है। साथ ही मुख्य द्वार पर महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी की विशाल मूर्ति लगाई जा रही है। वहीं, मुख्य द्वार के दूसरी तरफ बिहार के विकास के प्रतीक माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिमूर्ति एवं बिहार के औद्योगिक विकास का संदेश दर्शाया गया है।


अशोक सिन्हा ने बताया कि इस बार अन्तराष्ट्रीय व्यापार मेला का थीम “इज ऑफ डुइंग बिजनेस” है एवं बिहार सरकार इज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आता है जिसे हमने मेले के थीम के अनुरूप विभिन्न पैनलों के माध्यम से बिहार मंडप में दिखाने का बेहतर प्रयास किया है। बिहार सरकार में विगत वर्षों के दौरान ढेर सारी नई योजनाओं की शुरुआत की गई है जिनमें नई औद्योगिक नीति, सात निश्चय, सिंगल विंडो सिस्टम सहित कई कार्यक्रम से बिहार में सभी क्षेत्रों में बहुत से नए वेंचर सामने आए हैं। सड़क यातायात, सुरक्षा की व्यवस्था, सुदूर गावों तक 22 से 24 घंटे बिजली मुहैया कर बिहार ने नया कीर्तिमान बनाया है।


बिहार मंडप का मुख्य आकर्षण इस बार  बिहार मंडप के मध्य भाग में बिहार के सात निश्चय के वृक्ष रूपी मॉडल बनाया गया है जिसके नीचे बिहार  के चार प्रमुख शिल्प कला का जीवंत प्रदर्शन  होगा। टेराकोटा शिल्क का लाइव डेमो स्टेट अवार्ड विजेता पटना की नीतु सिन्हा करेंगी। टिकुली कला की लाइव डेमो स्टेट अवार्ड विजेता सबीना इमाम करेंगी, वहीं सिक्की कला की जीवंत प्रदर्शन रैयाम मधुबनी की राज पुरस्कार विजेता मुन्नी देवी तथा कैमूर से राज पुरस्कार विजेता संतोष कुमार गुप्ता स्टोन क्राफ्ट का प्रदर्शन करेंगे। बिहार मंडम में आने वाले लोगों के लिए बिहार के इन चार कलाओं का जीवंत प्रदर्शन निश्चित रूप से लुभाएगा। इसके अलावा बिहार मंडप में मुख्यमंत्री के सात निश्चय एवं बिहार सरकार के विकासात्मक गतिविधियों को विभिन्न पैनलों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।इस बार बिहार पवेलियन में हेंडलुम एवं हेंडीक्राफ्ट  के 16 स्टाल होंगे जिनमें 8  हेंडलुम औऱ 8 हेंडीक्राफ्ट के होंगे। इन स्टॉलों पर बिहार के पारंपरिक हस्तकलाओं एवं हस्तकरघा उत्पाद जिनमें नालंदा का बाबन बूटी, भागलपुर का सिल्क, मिथिलांचल का मधुबनी पेंटिंग, पटना की टीकुली कला इत्यादि को स्थान दिया जाएगा।


उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान के निदेशक ने बताया कि विगत 6 वर्षों से हमारी संस्थान को बिहार मंडप के आयोजन की जिम्मेदारी दी जा रही है और इन 6 वर्षों में चार बार बिहार गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहा है। इस बार भी हमरा प्रयास है कि हम अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन, थीम के अनुरूप सजावाट, आयोजन एवं संचालन से बिहार पवेलियन को 5वीं बार गोल्ड दिलाएं। फूड कोर्ट में बिहार के लिट्टी चोखा सहित अन्य स्वादिस्ट व्यंजनों के दो स्टॉल लगाए जाएंगे। व्यापार मेले के दौरान 21 नवंबर को बिहार दिवस का आयोजन किया जाएगा जिसके अन्तर्गत बिहार मंडम के विधिवत उद्घाटन एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।