करतार कॉरिडोर की मर्यादाओं का पालन जरूरी

(हर्ष शर्मा)


भारत के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने 9 नवम्बर को अपने संबंधित पक्षों के साथ करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया। करतारपुर कॉरिडोर, पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल को पंजाब में डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है। भारत के प्रधानमंत्री ने भारतीय पक्ष में गलियारे के यात्री टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जिसे एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) के रूप में भी जाना जाता है, जहां तीर्थयात्रियों को नव-निर्मित 4.5 किमी लंबे गलियारे के माध्यम से यात्रा करने की सुविधा हासिल हुई है। ।
 करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान और भारत के बीच का एक बॉर्डर कॉरिडोर है, जो डेरा बाबा नानक साहिब (पंजाब, भारत में स्थित) और गुरुद्वारा दरबार साहिब (पंजाब, पाकिस्तान में) के सिख मंदिरों को जोड़ता है।  इस कॉरिडोर का उद्देश्य भारत के धार्मिक श्रद्धालुओं को वीजा के बिना पाकिस्तान-भारत सीमा से 4.7 किलोमीटर (2.9 मील) करतारपुर में गुरुद्वारा जाने की अनुमति देना है।  दोनों देशों ने पहले 1998 में और फिर 2004 और 2008 में फिर से गलियारे पर चर्चा की, लेकिन इन वार्ताओं से कभी कुछ ठोस नहीं हुआ।  
करतारपुर कॉरिडोर पर प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा -
मैं करतारपुर कॉरिडोर के बारे में भारत की भावनाओं को समझने, सम्मान करने और अभिनय करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री श्री इमरान खान को भी धन्यवाद देता हूं। मैं पाकिस्तान के उन श्रम सहयोगियों को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इतनी तेजी से गलियारे को पूरा करने में मदद की। वहीं दूसरी तरफ करतारपुर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए सदा की तरह कश्मीर मुद्दे को छेड़ा और कहा आशा है कि एक दिन हमारे संबंध सुधरेंगे। नवजोत सिंह सिद्धू, जो करतारपुर कॉरिडोर के पहले जत्थे में भी शामिल हुए थे, उन्होंने दरबार साहिब के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे से बात करते हुए कहा, “पंजाब के दोनों पक्ष विभाजन के दौरान खूनखराबे के गवाह बने, आपने (इमरान खान) और श्री मोदी ने इस पहल के माध्यम से लोगों के आघात पर मरहम लगाने का कार्य किया है।  उन्होंने सिख समुदाय के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।  
कॉरिडोर का उद्घाटन परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर हुआ है।  अमेरिका सहित कई देशों ने इस कदम के लिए दोनों देशों की प्रशंसा कर रहा है।  कश्मीर मुद्दे से लेकर करतारपुर तक, दोनों देशों के बीच प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम हुए, क्या दोनों देश भविष्य में अच्छे संबंध बना सकते हैं क्योंकि ज्यादातर दो देशों के राजनीतिक झगड़े के बीच केवल हमारे सैनिक और आम लोग शिकार होते हैं।  कनाडा और अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय भूमि सीमा साझा करता है फिर भी इतनी शांति और सद्भाव के साथ रहता है, लेकिन दूसरी तरफ हम लगभग 70 वर्षों से एक दूसरे के साथ लड़ रहे हैं।  
दोनों सरकार को  तनावों को सुलझाने की जरूरत है क्योंकि युद्ध से किसी समस्या का समाधान नहीं होता। यदि  बेहतर संबंध बनाना चाहते हैं तो इस महान पहल का लाभ उठाएं। पाकिस्तान आज भी आतंकियों की शरण स्थली बना है और वहीँ से आतंकी गतिविधियां संचालित होती है। गुरु नानक जी का एक प्रसिद्ध उद्धरण  है की सिख बनने से पहले, एक मुस्लिम, एक हिंदू या एक ईसाई, बनने से पहले  आओ हम पहले एक इंसान बनें।  इसी का अनुसरण करते हुए पाक को एक अच्छा पडोसी बनना होगा। भारत के खिलाफ युद्धोन्माद की गतिविधियों को तिलांजलि देनी होगी  तभी सम्बन्ध सुधरेंगे।