केजरीवाल सरकार हर मोर्चे पर विफल -पीपीआरसी

नई दिल्ली। सूचना का अधिकार व भ्रष्टाचार की बात कहकर सत्ता में आई केजरीवाल सरकार आज सूचना के अधिकार के तहत सूचना देने में पूरी तरह विफल है।पिछले दो वर्षों में दिल्ली का राजकोषीय घाटा प्रति व्यक्ति 80 गुणा बढ़ गया है। दिल्ली की जनता के उम्मीदों एवं जनलोकपाल स्थापित करने में भी पूर्णतः विफल रही है। उक्त बांतें लोक नीति शोध केंद्र की रिपोर्ट में सामने आयी है। रिपोर्ट को जारी करते हुए केंद्रीय पर्यावरण व सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जाबड़ेकर ने बताया कि दिल्ली सरकार योजनाओं के लिए दिए गए व्यय का 61 % विज्ञापनों पर खर्च करती है तथा पीपीआरसी के द्वारा पूछे गए 1200 पत्रों में सिर्फ 300 पत्रों के ही जबाब दिए गए हैं वो भी हर संभव टालमटोल के बाद।


पीपीआरसी के रिपोर्ट का जिक्र करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार द्वारा हर मोर्चे पर ठगा गया है।दिल्ली की सड़कों पर रहने वाले 90 % बच्चे नशे के आदी हैं लेकिन इस सन्दर्भ में कुछ करने का प्रयास ही नहीं किया गया है तथा इससे भी दुखद यह है कि केजरीवाल सरकार पिछले 5 वर्षों में अवैध कॉलोनियों की सीमाओं की निर्धारित करने में लगातार विफल रही है और केंद्र द्वारा पूछे जाने पर हमेशा की तरह दो वर्ष का और समय माँगा जाता है जिससे यह स्पष्ट कि अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर वे गंभीर नहीं हैं। इन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इनके लिए लोकसभा में बिल पास कराया है। उन्होंने दिल्ली सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा की केजरीवाल अपने पूरे कार्यकाल में 100 बसें भी नहीं खरीद पाये जबकि दिल्ली की जरूरत हजारों बसों की है।उन्होंने कहा की केजरीवाल एक ओर तो हर मोर्चे पर नाकाम है तो वही दूसरी ऒर दिल्ली नगर निगम के प्रयासों के कारण डेंगू के मामलों में कमी आयी तो उसका श्रेय लेने को तो आगे आ जाते हैं लेकिन दिल्ली के तीनो निगम के हजारों करोड़ के फण्ड जारी करने में अड़ंगा लगते हैं।


केंद्र सरकार के द्वारा दिल्ली के लिए किये गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रकाश जाबड़ेकर ने कहा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के साथ साथ 80 गाँवो को शहरीकृत श्रेणी में लाया गया है तथा 105 मार्केट के व्यापारियों को मालिकाना हक दिया गया।रिपोर्ट जारी के वक्त भाजपा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष व दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू ने भी केजरीवाल पर गरीबों के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान स्वास्थ्य योजना तथा अटल आवास योजना नहीं लागू करने को लेकर उन्हें कटघरे में खड़ा करते हुए दिल्ली सरकार को गरीब विरोधी बताया। पीपीआरसी के निदेशक विनय ने बताया कि तमाम सर्वे रिपोर्ट के मूल्यांकन से स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार की मंशा पर दिल्लीवासियों को उनपर भरोसा नहीं रह गया है।