केजरीवाल सरकार ने प्रदूषण पर काम किया होता तो आज मास्क बांटने की जरूरत नहीं पड़ती - प्रकाश जावडेकर

 नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रदूषण को लेकर हो रही राजनीति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी राज्य की एजेंसियों को मिल कर प्रदूषण कम करने के लिए काम करना पड़ेगा। पिछले 15 वर्षों में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ा है, लेकिन प्रदूषण कम करने के लिए मोदी सरकार लगातार दिल्ली व पड़ोसी राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक करके इसे खत्म करने के लिये निरंतर ठोस काम कर रही है।

    दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जावडेकर ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है केजरीवाल सरकार प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति कर रही है और छात्रों को भड़का कर उन्हें हरियाणा, पंजाब के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने के लिये प्रेरित कर रहे हैं और उनको खलनायक के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे ना सिर्फ बच्चों के मन में दुर्भावना जागृत होगी बल्कि उनका राजनीतिक इस्तेमाल करना और उन्हें विलेन बनाना बेहद ही खतरनाक सोच का परिणाम है। सीपीसीबी ने 45 टीमें दिल्ली एनसीआर के अलग अलग हिस्सों में भेजा है जो प्रदूषण से निपटने के लिए काम करने वाली एजेंसियों को सुझाव दे रही हैं जिससे प्रदूषण पर लगाम लगायी जा सके।

    मोदी सरकार द्वारा प्रदूषण कम करने के उपायों की चर्चा करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार 24 घंटे में प्रदूषण देने वाले उद्योगों पर नजर रख रही है 3 हजार फॉसिल फ्यूल पर चलने वाले उद्योगों को पीएनजी में तब्दील कर दिया है। 3 हजार ईंट-भट्ठों को जिगजैग प्रणाली में तब्दील कर दिया गया है। मोदी सरकार ने तेजी से मेट्रो का विस्तार किया है और आज 300 किलोमीटर तक दिल्ली मेट्रो का विस्तार हो चुका है जिससे 50 लाख लोग प्रतिदिन सफर करते हैं जिससे पर्यावरण को शुद्ध करने और प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में सहायता मिली है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि केजरीवाल सरकार ने मेट्रो के विस्तार में अपनी हिस्सेदारी के रूपये भी नहीं दिये जिसके कारण कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। श्री जावडेकर ने प्रदूषण को नियंत्रित करने वाली सभी एजेंसियों से अपील करते हुए कहा कि सभी को मिलकर प्रदूषण पर नियंत्रित करने की जरूरत है जिससे लोगों को राहत मिल सके।
 उन्होंने  कहा कि दिल्ली सरकार को बढ़ते प्रदूषण पर दोषारोपण करने की जगह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस काम करना चाहिए था। लेकिन दिल्ली में अपनी खोती राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए केजरीवाल सरकार मानवता की सेवा को भूल गई और वोट की राजनीति के लिए वो सब कुछ कर रही है जो उसे नहीं करना चाहिए। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जिस तरह से केंद्र सरकार काम कर रही है, अगर उसका एक हिस्सा भी दिल्ली सरकार करती तो आज दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माॅस्क बांटने की जरूरत नहीं पड़ती। दिल्ली के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये सभी राजनीतिक दलों एवं एजेंसियों को राजनीति से ऊपर उठकर प्रदूषण खत्म करने के लिए काम करना चाहिए। दिल्ली के नागरिकों को भी प्रदूषण फैलाने वाले कार्यों से बचना चाहिये।