सिखों ने जिस भी देश में काम किया वहां की शान बढ़ाईः प्रिंस चार्लस

 # प्रिंस चार्लस गुरुद्वारा बंगला साहिब में हुए नतमस्तक, लंगर में भी की सेवा
 # इंगलैंड की पूरी संगत बधाई की पात्रः सिरसा
नई दिल्ली। इंगलैंड के शहज़ादे प्रिंस ऑफ़  वेल्ज़ प्रिंस चार्लस आज गुरुद्वारा बंगला साहिब में नतमस्तक हुए और उन्होंनेे लंगर हाॅल में जाकर लंगर की सेवा भी की।
 दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा, महासचिव हरमीत सिंह कालका, स. कुलवंत सिंह बाठ, परमजीत सिंह चंडोक व अन्यों ने प्रिंस चार्लस को सिरोपा दे कर सम्मानित किया और श्री साहिब(किरपान) भेंट की।
 इस बारे में जानकारी देते हुए स. सिरसा ने बताया कि प्रिंस चार्लस प्रिंस आफ वेल्ज़ आज गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा बंगला साहिब में नतमस्तक हुए। उनके साथ भाई महिंद्र सिंह यू.के वाले व अन्य शख्सियतें भी थीं।
 उन्होंने बताया कि प्रिंस चार्लस ने गुरु हरिकृष्ण साहिब के इस स्थान के बारे मे जानकारी हासिल करने में बहुत दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने भारी गिनती में संगत की मौजूदगी और उनके लिए लंगर तैयार करने व बांटने की प्रक्रिया जानने की इच्छा प्रकट की। उन्होंने लंगर हाॅल में जा कर स्वंय प्रशादे बनाने की सेवा भी की।
 इस मौके पर प्रिंस चालर्स ने स्वंय बताया कि गुरु नानक देव जी का फलसफा सारी दुनिया में फैल रहा है और एक बहादुर कौम के रूप् में जाने जाते सिख जिस भी मुल्क में जाते हैं वहां की तरक्की और खुशहाली के लिए काम करते हैं। इन्होंने इंगलैंड, कैनेडा व जिस भी मुल्क में जा कर बसे वहां की तकदीर बदलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।
 जब प्रिंस चार्लस को श्री साहिब (किरपान) भेंट की तो उन्होंने इसके बारे में पूछने पर स. सिरसा ने बताया कि श्री साहिब गुरु हरिगोबिंद साहिब द्वारा दी गई बख्शिश है और मीरी व पीरी के सिद्धांत का प्रतीक है। इस पर प्रिंस चार्लस ने आशा प्रकट की कि इंगलैंड में भी यह श्री साहिब इसी सिद्धांत की पहरेदारी करेगी।
 स. सिरसा ने इस मौके पर इंगलैंड की संगत को बधाई दी और धन्यवाद भी दिया।