लाल किला पर बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का जश्न 

                   # बिहार के पर्यटन, खानपान, हैंडिक्राफ्ट, कला एवं संस्कृति का अद्वितीय प्रदर्शन 
नई दिल्ली। लाल किला पर बिहार की अद्वितीय एवं समृद्ध सांस्कृतिक विविधता की गरिमा को देखने का एक सुनहरा मौका है। यहाँ छः-दिवसीय भारत पर्व, 2020 का आयोजन किया जा रहा है। यह एक उत्कृष्ट अवसर है जिसमें आप बिहार की कला-संस्कृति, पर्यटन, खानपान एवं हैंडिक्राफ्ट का आनन्द ले सकते है।
 इसमें बिहार का थीम पैविलियन, हैंडिक्राफ्ट पैविलियन एवं फूड स्टॉल है। थीम पैविलियन महात्मा गाँधी की 150 वीं जयन्ती पर केंद्रित है। विदित हो कि बिहार में महात्मा गाँधी की शिक्षाओं को जनता के बीच प्रसारित करने के उद्देश्य से उनकी 150वीं जयन्ती के अवसर पर विगत वर्ष 02 अक्टूबर को जल जीवन हरियाली अभियान की शुरूआत की गई। इस वर्ष 19 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जल जीवन हरियाली एवं नशा मुक्ति के समर्थन में तथा बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरोध में बिहार में 18,034 किलोमीटर की सबसे लम्बी मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया जिसमें 5,16,71,389 लोगों ने भाग लिया। 
 भारत पर्व में बिहार का स्वादिष्ट खाना विशेष आकर्षण का केन्द्र है। राज्य के हैंडिक्राफ्ट एवं हैंडलूम का बृहत स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहा है।
 लाल किला पर 31 जनवरी को बिहार के कलाकारों द्वारा ‘‘झिझिया झूमर कजरी‘‘ पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 35 (पैंतीस) मिनट का यह कार्यक्रम दोपहर 02ः45 बजे आरम्भ होगा।
 विदित हो कि भारत पर्व, जिसका उद्घाटन 26 जनवरी को हुआ, आम जनता के लिए 31 जनवरी तक प्रतिदिन 12 बजे दोपहर से 10 बजे रात्रि तक खुला रहेगा। प्रवेश निःशुल्क है परन्तु पहचान पत्र की आवश्यकता होगी।
 बिहार के स्थानिक आयुक्त विपिन कुमार ने बिहार पैविलियन एवं स्टॉल का भ्रमण किया। उन्होंने आम जनता से यहाँ आकर बिहार की अद्वितीय, समृद्ध एवं विविधता पूर्ण संस्कृति का आनन्द उठाने की अपील की।