आग उगलता सूरज और तवे सी तपती धरती

( बाल मुकुन्द ओझा)


आसमान में आग उगलता सूरज और तवे सी तपती धरती ने मैदानी क्षेत्र को झुलसा कर रख दिया है। गर्मी के रौद्र रूप धारण कर लेने से  समूचा उत्तर  और मध्य भारत त्राहि त्राहि कर रहा है। अल सुबह से रात तक राहत नहीं मिलने से मानव जीवन व्याकुल हो रहा है। सवेरे नलों में छत पर रखी टंकी से गर्म पानी आने से शौच के साथ नहाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर भारत के कई शहर एसी-कूलर को फेल कर देने वाली गर्मी से तप रहे हैं। थार के रेगिस्तान में बसे राजस्थान की गर्मी जेठ महीने के साथ ही अपने रौद्र रूप में आ गई है. राज्य के ज्यादातर हिस्से लू की चपेट में हैं और गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।  
 राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में भीषण गर्मी के साथ लू चलने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। सर्दियों में हाड़ कंपकंपा देने वाली ठण्ड और गर्मियों में भीषण गर्मी की विशेषता प्रदेश में एकमात्र चूरू जिले में देखने को मिलती है। चूरू में पारा 48 डिग्री पर पहुँच गया है। कुछ दिनों से लगातार पारा चढ़ता जा रहा है। तपिश भरी गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। भीषण गर्मी, तपिश और लू से सड़कों पर चलना तक मुश्किल हो गया है। तीखी धूप ने ऐसा तांडव मचाया है कि लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना दूभर हो गया है। घरों में नलो से गरम पानी निकल रहा है वहीँ बिजली की आंखमिचोली से लोग परेशां हो रहे है।  तेज धूप होने के कारण हवा भी इतनी गर्म हो गई है कि हीट स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ गया है। हीट स्ट्रोक होने के लक्ष्णों में तेज गर्मी के अहसास होने के साथ बैचेनी होती है। शरीर का तापमान बढ़ जाता है। अधिक तापमान के कारण बेहोशी भी आ जाती है। बार-बार प्यास लगती है। चेहरा लाल होने लगता है।  सिर में दर्द भी होता है और जी मचलने के साथ उल्टियां होती है।
गर्मी का मौसम मार्च से सितंबर तक के महीनों में रहता है। यह साल का सबसे गर्म मौसम होता है, क्योंकि तापमान अपने उच्च शिखर पर पहुँचता है। इस ऋतु के दौरान, दिन लम्बे और गर्म होते हैं, वहीं रातें छोटी है। दिन के बीच में, सूर्य की किरणें बहुत गर्म होती है। पूरे दिनभर गर्म हवाएं चलती रहती है, जो चारों तरफ के वातावरण को रूखा और शुष्क बनाती है। कुएं, और तालाबें सूख जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग पानी की कमी, उच्च तापमान, सूखे आदि बहुत सी परेशानियों से बिजली और अन्य आरामदायक संसाधनों की कमी के कारण जूझते हैं। ग्रीष्म ऋतु साल का सबसे गर्म मौसम होता है, जो पूरे दिन भर में बाहर जाने को लगभग असंभव बनाता है। लोग आमतौर पर, बाजार देर शाम या रात में जाते हैं। बहुत से लोग गर्मियों में सुबह को इसके ठंडे प्रभाव के कारण टहलने का आनंद लेते हैं। धूल से भरी हुई, शुष्क और गर्म हवा पूरे दिनभर चलती रहती है। कभी-कभी लोग अधिक गरमी के कारण हीट-स्ट्रोक, डीहाइड्रेशन (पानी की कमी), डायरिया, हैजा, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से प्रभावित होते हैं।