अप्रवासी मजदूरों के लिए ‘‘लंगर आन व्हीलस’’ शुरु

नई दिल्ली।  लंगर को गुरुद्वारों की चार दीवारी से बाहर परोसने की सिख परम्परा को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पैदल अपने घरों को जा रहे अप्रवासी मजदूरों को ताजा पौष्टिक स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जल प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दस स्थानों पर ‘‘लंगर आन व्हीलस’’ की व्यवस्था शुरु की है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार समिति ने नोएडा, गाज़ियाबाद, साहिबाबाद, सीलमपुर, शाहदरा आदि स्थानों पर ‘‘मोबाईल लंगर’’ की व्यवस्था शुरु की है। उनहोंने कहा कि यह व्यवस्था दिल्ली में उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर की गई है जहां से ज्यादातर मजदूर परिवार सहित पैदल गुज़र रहे हैं।
स. सिरसा ने कहा कि उन स्थानों के महत्वपूर्ण स्थलों पर मोबाइल लंगर वैन खड़ी की गई है जिनपर बैनर लगाकर अप्रवासी मजदूरों को खाने की सुविधा की जानकारी प्रदान की गई है तथा गुरुद्वारा के कार्यकर्ता, सेवादार अप्रवासी मजदूरों को रोककर लंगर ग्रहण करने का अनुरोध करते हैं उनहोंने कहा कि 30-40 की संख्या में इक्ट्ठा करके अप्रवासी मजदूरों को नजदीकी छायादार स्थल पर बैठाकर खाना/जल प्रदान किया जाता है तथा रास्ते के लिए पैकेट खाना तथा पानी भी उपलब्ध करवाया जाता है तांकि उनकी यात्रा को सुगम बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि ‘‘लंगर आन व्हीलस’’ की व्यवस्था इसलिए करनी पड़ी तांकि महजदूरों को नजदीकी गुरुद्वारा ढूंढने की जरूरत न पड़े तथा हम लंगर की व्यवस्था अप्रवासी मजदूरों की अधिकतम सुविधा के अनुसार कर सकें। उन्होंने कहा कि सिख धर्म की लंगर परम्परा का मतलब ज्यादातर लोगों से मिल बांटकर खाने से है तथा वास्तिवक सहभोजन तभी हो पाता है जब हम उस समाज को लंगर उपलब्ध करवाते हैं जिसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
स. सिरसा ने बताया कि श्रमिक रेलगाड़ियों में यात्रा करने वाले मजदूरों को मुफ्त जूस, पानी बिस्क्टि आदि प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को नई दिल्ली रेलवने स्टेशन पर एक फ्रूट काउंटर प्रदान किया है तथा समिति के सेवादार इस काउंटर के माध्यम से चैबीस घंटे गुजरने वाली रेलगाड़ियों में यह सेवा उपलब्ध करवा रहे हैं।