उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे छोटे-छोटे फैक्ट्री, शोरूम और दुकानदार बिल भरने को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। बिजली बिल की एक साथ रीडिंग में अधिक चार्ज लगने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री फ्री बिजली देने की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ वह बिजली कंपनियों द्वारा फिक्स्ड चार्ज के नाम पर उन व्यापारियों को भी भारी भरकम बिल भिजवा रहे हैं जिन्होंने लॉक डाउन के दौरान बिजली का उपयोग नहीं किया। क्या फ्री बिजली देना चुनाव जीतने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल का चुनावी स्टंट था?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के व्यापारियों को भारी भरकम बिजली बिल मिलने से आर्थिक संकट की दोहरी मार पड़ी है और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी बिजली कंपनियों के साथ मिलकर उनके साथ सौतेला व्यवहार किया। कोरोना संकट के समय में सरकार को बिजली का पैसा माफ कर देना चाहिए था लेकिन लोगों को अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं। कई लोगों से भी शिकायतें मिली हैं कि जिनके बिल मुफ्त स्कीम के कारण जीरो आ रहे थे, अब उन्हें भी प्रोविजनल बिल भेज दिए गए हैं। दिल्ली की केजरीवाल सरकार से मेरी यही अपील है कि दिल्ली के व्यापारियों पर रहम करें और लॉकडाउन के समय में फिक्स्ड चार्ज/एवरेज बिल के नाम पर भारी भरकम बिल भेजना बंद करवाएं।